भांडीरवन के बारे में मान्यता है कि यहाँ राधा कृष्ण का विवाह संपन्न हुआ था।साथ ही मान्यता यह है भी है कि भगवान श्री कृष्ण एक बार गौचारण करते हुए भांडीरवन आये तो कंस ने बछड़ा के रुप में बछासुर नाम के एक राक्षस को भेज दिया,जिसका भगवान ने वध कर दिया। परन्तु बाद में विद्वान पंडितों ने उन्हें बताया कि उन्होंने बछड़े का वध किया है,इसलिए उन्हें गौ हत्या का पाप लगेगा,इससे मुक्ति पाने के लिए उन्हें सभी तीर्थों की यात्रा करनी होगी। भगवान ने यहीं बांसुरी से कुआं खोदकर सारे तीर्थो का आह्वान किया,सारे तीर्थ वहां आये और अपने पवित्र जल को वेणु कूप में प्रवाहित किया।