
MP - खैरलांजी क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री से बढ़ती नशाखोरी, समाज में मचा हाहाकार
MP News: छिंदी कुआं गांव में भीषण आग, तीन परिवारों की गृहस्थी जलकर राख
ग्राम छिंदी कुआं में सोमवार दोपहर करीब 1 बजे एक दर्दनाक हादसे में तीन परिवारों के घर आग की चपेट में आ गए। यह आगजनी सुखराम खरे, रामचंद खरे और कानू कावरे के मकानों में लगी, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। घटना के वक्त तीनों परिवार खेतों में कृषि कार्य कर रहे थे। जब वे लौटे, तो उन्होंने अपने घरों से धुआं निकलते देखा।
उन्होंने शोर मचाकर ग्रामीणों को बुलाया और तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। फायर टीम ने काफी मेहनत से आग पर काबू पाया। हालांकि तब तक तीनों मकानों का अधिकांश सामान जलकर राख हो चुका था। इस हादसे से गांव में शोक और चिंता का माहौल है।
MP News: बालाघाट में सरपंच ने बीमार परिजन के इलाज में गए ग्रामीण का मकान गिरवाया, वीडियो वायरल
बालाघाट जिले के बिरसा जनपद के ग्राम पंचायत अचानकपुर में सरपंच विमल तेलासे की मनमानी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सोमवार सुबह करीब 10 बजे सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सरपंच खुद यह कहते नजर आ रहे हैं – “शासन-प्रशासन मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” यह मामला ग्रामीण मोहित तिलासे से जुड़ा है, जो उस समय बालाघाट में अपने बीमार परिजन के इलाज के लिए गया हुआ था। इलाज के दौरान ही सरपंच विमल तेलासे ने गांव में स्थित मोहित के मकान को जेसीबी से गिरवा दिया। उस समय घर में कोई भी मौजूद नहीं था। इस घटना से गांव में हड़कंप मच गया है और लोग सरपंच की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
MP News: बैहर में पोषण आहार योजना में बड़ा घोटाला, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मिला एक्सपायरी सामान
बैहर में पोषण आहार योजना के तहत एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। जांच में पता चला है कि गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को एक्सपायरी डेट वाला पोषण आहार दिया गया। सामग्री के पैकेट पर छपा कस्टमर केयर नंबर भी फर्जी निकला, जिससे यह साफ होता है कि इस योजना में भारी गड़बड़ियां हो रही हैं। सोमवार दोपहर लगभग 12 बजे एक ग्रामीण महिला ने आरोप लगाया कि वितरित आहार में रेत तक मिली हुई थी। इससे पोषण सामग्री की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी में आती है, लेकिन बैहर क्षेत्र के अधिकारी ने सारा मामला भोपाल स्तर की खरीदी बताकर खुद को जिम्मेदारी से अलग करने की कोशिश की। चौंकाने वाली बात यह है कि एक साल पहले भी इस गड़बड़ी की शिकायत की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।