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श्रवण मास से पहले कांवड़ यात्रा की सुरक्षा तैयारियां चाक चौबंद!
MGMohd Gufran
FollowJul 10, 2025 04:04:52
Prayagraj, Uttar Pradesh
संगम नगरी में श्रवण मास से पहले कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां तेज़,
कांवड़ यात्रा के लिए संगम नगरी में सुरक्षा का खाका रहेगा चाक चौबंद,
वाराणसी हाइवे की एक लेन कावंड़ियों के लिए पूरी तरह से रिज़र्व रहेगी,
कांवड़ मार्ग में 1 हजार पुलिसकर्मियों की 24 घंटे रहेगी तैनाती,
कंट्रोल रूम से 300 सीसीटीवी कैमरे से भी कांवड़ मार्ग की होगी निगरानी,
कांवड़ मार्ग से लेकर घाट तक 24 घंटे डॉक्टरों की टीमें भी रहेंगी तैनात।
एंकर --
पवित्र श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से हो रहा है। श्रवण मास में एक तरफ जहां शिवालयों में हर हर महादेव का उद्घोष सुनाई देगा, तो वहीं कांवड़ मार्ग बोल बम के नारों से गूंजेंगे। कावड़ियों के लिए योगी सरकार ने जरूरी इंतजाम भी किए हैं। संगम नगरी प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट से जल लेकर काशी विश्वनाथ जलाभिषेक के लिए जाने वाले कावड़ियों के लिए हाइवे का एक लेन पूरी तरह से रिजर्व रहेगा। कांवड़ यात्रा से पहले मार्ग के गड्ढों को भरने के साथ बैरिकेटिंग का काम भी किया जा रहा है।
कांवड़ मार्ग में इस बार सुरक्षा का घेरा भी बेहद चाक चौबंद रहने वाला है। प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट से गंगा जल लेकर काशी विश्वनाथ जलाभिषेक के लिए जाने वाले मार्ग पर 1 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। इतना ही नहीं कावड़ मार्ग पर 50 नए सीसीटीवी कैमरे भी सुरक्षा के लिहाज से इंस्टॉल कराए जा रहें हैं। जिनकी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से किया जाएगा। इसके साथ ही कावड़ियों के स्वास्थ्य का भी पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा। कांवड़ मार्ग पर 16 प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां पर डॉक्टरों और पैरामेडिकल की टीमों के अलावा एंबुलेंस की भी तैनात रहेगी।
प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट से श्रवण मास में हर दिन हजारों की संख्या में कांवड़िए गंगा जल लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित शिवालयों के लिए जाते हैं। ऐसे में दशाश्वमेध घाट पर भी कावड़ियों के लिए जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। सुरक्षा के लिहाज पुरुष के अलावा महिला पुलिसकर्मियों की भी घाट पर तैनाती रहेगी। घाट पर डीप वाटर बैरिकेटिंग का घेरा भी बनाया जाएगा, ताकि कोई कावड़िया जल भरते समय गहरे पानी में न जा सके। जल पुलिस और एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ की टीमें भी जल में मुस्तैद रहेंगी।
बाइट -- कुलदीप सिंह गुणावत, डीसीपी, गंगा नगर प्रयागराज, (कांवड़ मार्ग की सुरक्षा पर)
बाइट -- सीएमओ, प्रयागराज - स्वास्थ्य सुविधाओं पर
प्रयागराज के दारागंज स्थित दशाश्वमेध घाट का पौराणिक महत्व है। गंगा के किनारे दशाश्वमेध घाट का जिक्र कई हिंदू धर्म ग्रंथो में भी मिलता है। कहा जाता है कि सृष्टि का पहला यज्ञ इसी दशाश्वमेध घाट पर स्वयं ब्रह्मा जी ने किया था। यही वजह है कि यहां पर कांवड़िए सदियों से जल लेने के लिए आते हैं। यहीं से गंगा में डुबकी लगाकर जल लेकर कांवड़िए शिवालयों के लिए रवाना होते हैं। श्रवण मास में दशाश्वमेध घाट कावड़ियों से भरा रहता है। यहां के पुजारी बताते हैं कि संगम तो वैसे भी तीर्थों का राजा है, लेकिन जिस जगह ब्रह्मा जी ने सृष्टि का पहला यज्ञ किया है उसका अपना धार्मिक महत्व इसे और ख़ास बनाता है।
बाइट -- पुजारी, दशाश्वमेध घाट का महत्व बताते हुए
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