शहीद खुदीराम बोस के शहीद दिवस पर समारोह के लिए सेंट्रल जेल को रंगीन बल्बों से सजाया गया। सुबह उनके फांसी स्थल पर सेंट्रल जेल में सलामी दी गई। शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल के रिकॉर्ड के अनुसार जान जाने से पहले खुदीराम बोस ने 'एक बार विदाई दे मां घुरे आसी, हांसी हांसी परबो फांसी देखवे जोगोत वासी' गाया था। उनके इस गीत को सुनकर बंदियों को आभास हो गया कि उन्हें सजा देने के लिए ले जाया जा रहा है। इसके बाद सारे बंदी वंदे मातरम का नारा लगाने लगे थे।