Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
CHAMPESH JOSHI
Kondagaon494226

कार्यालयों में मुगलों की शब्दावली आज भी गुगल में खोजनी पड़ती है

CHAMPESH JOSHICHAMPESH JOSHIJun 14, 2025 11:52:27
Kondagaon, Chhattisgarh:
प्रशासनिक शब्दावली में आज भी मुग़ल और ब्रिटिश प्रभाव की छाप,,,, कार्यालय मे बैठे कर्मचारी भी नहीं जानते शब्दों का अर्थ वी ओ 01--मुगलों के शासन काल के पदनाम न ब्रिटिश शासन के समय बदले न आजादी के बाद आज भी उनके द्वारा बनाए पद से काम चल रहे है कानूनगो,,वसील बाकी,, नजारत,अर्जी नवीश, ये वो शब्द है जो आपको राजस्व विभाग के कार्यालयों मे दिखेंगे भले ही यंहा बैठे कर्मचारियों को भी इसका मतलब नहीं पता है मगर सच्चाई यही है की सरकारी कार्यालयों में मुगलकालीन लिपि ही चल रहे है कानूनगो वसील बाकी नज
0
Report
Kondagaon494226

प्रदूषित हो रहा पानी मर रही है मछलियां

PINEWZPINEWZJun 14, 2025 11:42:12
Kondagaon, Chhattisgarh:
शहर के बिच स्थित बँधा तालाब का पानी हुआ प्रदूषित मर रही है मछलीया बोट भी बने शो पीस 20 एकड़ मे फैला बँधा तालाब खो रहा है अपनी पहचान राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से लगे नगर के ह्रदय पर स्थित 20 एकड़ मे फैला बँधा तालाब की 2 तस्वीरें देखिये तो आप समझ जायेंगे की पालिका की लापरवाही से यह तालाब जलकुम्भी से पट चूका है कभी यंहा का साफ पानी मे अपनी परछाई तक दिखती है आज वहाँ जल कुम्भी ने अपना चादर जमा लिया है मर रही है मछलीया अब जलकुम्भी सड़ने लगे है तो पानी भी प्रदूषित हो रहा है तालाब की मछलियां मरने लगी है
0
Report
Kondagaon494226

Bastar - पानी की किल्लत से जूझ रहा जोबा गांव, कुंवारे रह जा रहे युवक, टूटी शादी की उम्मीदें

CHAMPESH JOSHICHAMPESH JOSHIMay 22, 2025 13:47:27
Kondagaon, Chhattisgarh:

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के जोबा गांव में पानी की भयानक किल्लत ने ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। 1700 की आबादी वाले इस गांव में एकमात्र कुंआ ही जीवनरेखा बना हुआ है। हालात ऐसे हैं कि लोग चार-चार दिन में एक बार नहा पाते हैं। सुबह होते ही बच्चे, बूढ़े और जवान बर्तन लेकर पानी की तलाश में निकल पड़ते हैं। पानी की कमी का असर युवाओं की शादी पर भी पड़ रहा है — यहां के युवकों को विवाह के लिए दुल्हन नहीं मिल रही। गांव की यह कहानी राजस्थान के बाड़मेर जैसी नहीं, बल्कि कोंडागांव के इस भीषण संकट को बयां करती है। ग्रामीणों ने सरकार से जल संकट के स्थायी समाधान की गुहार लगाई है।

0
Report
Kondagaon494226

Bastar - छत्तीसगढ़ अस्पतालों में दवाओं की कमी, मरीजों को 2500 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा

CHAMPESH JOSHICHAMPESH JOSHIMay 22, 2025 10:32:15
Kondagaon, Chhattisgarh:

पिछले पांच महीनों से सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन) द्वारा दवाओं की आपूर्ति न होने से जिला अस्पताल सहित ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। टीटी और रेबीज जैसे जरूरी इंजेक्शन तक अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हैं। हालत यह है कि डॉग बाइट के मरीजों को इलाज के लिए 2 से 2.5 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। कभी बेहतर सेवाओं के लिए सम्मानित यह जिला अस्पताल अब मरीजों के इलाज को तरस रहा है। जीवनदीप समिति के फंड से कुछ दवाएं खरीदी जा रही हैं, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। बाजार से खरीदे गए उपकरणों और दवाओं के 3-4 साल पुराने भुगतान अभी तक नहीं हुए, जिससे व्यापारी उधारी देने से इनकार कर रहे हैं। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की यह बदहाली मरीजों के लिए गंभीर संकट बन चुकी है।

0
Report
Advertisement
Kondagaon494226

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का सपना धूमिल, नक्सल क्षेत्र में छात्रावास की कमी

CHAMPESH JOSHICHAMPESH JOSHIOct 24, 2024 01:07:11
Kondagaon, Chhattisgarh:

सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बयानर में बेटियों की शिक्षा पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। यहां की छात्राओं को आधी पढ़ाई के बाद यह बताया जा रहा है कि छात्रावास में अब उनके लिए जगह नहीं है। यह स्थिति सरकार के "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ" अभियान की असलियत को उजागर कर रही है। बयानर में छात्राओं को 5 से 15 किलोमीटर दूर से पढ़ाई के लिए आना पड़ता है। शासन ने अचानक 9 साल बाद आश्रम से 50 में से 45 बच्चों को बाहर करने का आदेश दिया है, जबकि केवल 5 बच्चों को ही रहने की स्वीकृति दी गई है।

0
Report
Advertisement
Back to top