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204101हाथरस में पेट्रोल पंप खुलवाने के नाम पर 32 लाख रूपये की ठगी करने वाला ग्वालियर से गिरफ्तार
Hathras, Uttar Pradesh:हाथरस पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में फर्जी पेट्रोल पंप डीलरशिप देने के नाम पर एक व्यक्ति से 32 लाख 45 हजार रुपए ठगने वाले एक आरोपी को ग्वालियर से गिरफ्तार किया गया है। कुरसंडा, सादाबाद निवासी अनिल कुमार ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, कि उन्हें एक ऑनलाइन साइट 'पैट्रोल पम्प केएसके डीलरशिप' के माध्यम से पेट्रोल पंप की खाली जगह के बारे में जानकारी मिली थी। अनिल ने इस साइट पर आवेदन किया, जिसके बाद वेबसाइट चलाने वाले व्यक्तियों ने उनसे डीलरशिप देने के नाम पर अलग-अलग तारीखों में 32 लाख 45 हजार रुपये अपने खातों में डलवा लिए। अनिल को बाद में मथुरा रिफाइनरी जाकर पता चला कि यह साइट फर्जी है और उनके साथ साइबर धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की और अमेरिका स्थित कंपनी godaddy.com से जानकारी प्राप्त की। साथ ही, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से भी फर्जी पेट्रोल पंप कंपनी HTTPS://PETROLPIMP-KSK.COM की सत्यता का पता लगाया। जांच में सामने आया कि यह कंपनी और वेबसाइट दोनों फर्जी थीं। वेबसाइट का उपयोग करने वाले और डोमेन खरीदने वाले व्यक्तियों की जानकारी जुटाने पर छोटे राजा परिहार का नाम सामने आया। वह ग्राम गागौनी, थाना सिहोर, जिला शिवपुरी, मध्य प्रदेश का निवासी है और वर्तमान में ग्वालियर के त्यागी नगर में रहता है। पुलिस ने उसे ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी छोटे राजा परिहार ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी जीमेल आईडी के माध्यम से godaddy.com पर HTTPS://PETROLPIMP-KSK .COM नामक फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इस वेबसाइट पर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से फर्जी पेट्रोल पंप डीलरशिप की विज्ञप्ति निकाली गई थी। उसने बताया कि फर्जी वेबसाइट खरीदने के लिए उसने अपने नाम पर दर्ज फोन का इस्तेमाल किया था। अनिल कुमार ने वेबसाइट पर विज्ञापन देखकर दिए गए नंबर पर संपर्क किया था, जिसके बाद छोटे राजा परिहार ने डीलरशिप के नाम पर उनसे 32.45 लाख रुपये अपने खातों में डलवा लिए थे। उसने यह भी बताया कि धोखाधड़ी के पैसे जिन खातों में डलवाए जाते थे, वे खाते और सिम कार्ड उसके अन्य साथी उपलब्ध कराते थे। इसके बदले में वह उन्हें धोखाधड़ी की राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा देता था। पैसे निकालने की जिम्मेदारी जिन साथियों की थी, उन्हें वह 20 प्रतिशत हिस्सा देता था। पुलिस उसके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।
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