देवबंदी आलिम मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान मस्जिदों में मंदिर ढूंढने ना ढूंढे को लेकर सराहना की है, लेकिन अफसोस उनके शिष्य उनकी बात को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कुछ लोग इस तरह का काम कर के हिंदुओं के नेता बनना चाहते हैं जो कि गलत है। मोहन भागवत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके अनुयायी उनकी बातों को गंभीरता से लें। अगर उनके शिष्य उनकी बात नहीं मानते हैं, तो संघ को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।