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छठवें दिन माँ विंध्यवासिनी के कात्यायनी स्वरूप की होती है पूजा"
Mirzapur, Uttar Pradesh:
चन्द्रहासो”वलकरा शार्दूलवर वाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
आदिशक्ति जगत जननी माँ विंध्यवासिनी की नवरात्र में नौ रूपों की आराधना की जाती है । आदिशक्ति का छठवे दिन सिंह पर सवार चार भुजा वाली माता "कात्यायनी" के रूप में पूजन किया जाता है । मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यन्त दिव्य और स्वर्ण के समान चमकीला है। यह अपनी प्रिय सवारी सिंह पर विराजमान रहती हैं। इनकी चार भुजायें भक्तों को वरदान देती हैं।
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