उन्नाव के तकिया मेले के बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान, जो हिन्दू-मुस्लिम एकता का है मिसाल
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उन्नाव उत्तर प्रदेश का एक छोटा जिला है, जो न सिर्फ ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए बल्कि अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है.
उन्नाव में कई तरह के त्योहारों और मेलों का आयोजन किया जाता है. इन्ही में से एक तकिया मेला भी है, जो हिन्दू और मुस्लिम की एकता का मिसाल माना जाता है.
इस मेले का केन्द्रबिन्दु सूफी संत मोहम्मदशाह का दरगाह है, जिसे तकिया कहा जाता है. इसी वजह से इस मेले को “तकिया मेला” कहा जाता है.
बता दें कि इस जगह पर भगवान शिव का सहस्त्र लिंगेश्वर महादेव मंदिर और सूफी संत मोहम्मदशाह का दरगाह एक साथ मौजूद है, जिसकी वजह से यहां पर दोनों धर्मों का एक साथ संगम होता है.
मेले में सूफी संत के दरगाह में चादर चढ़ाई जाती है, साथ ही वहां पर भजन, किर्तन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
मान्यता है कि यह मेला लगभग 400 साल पहले मोहम्मदशाह के शिष्य न्यामत शाह की याद में शुरू हुआ था.
जो उन्नाव जिला मुख्यलय से 45 किमी. दूर रायबरेली मार्ग पर स्थित है.
सर्दियों में लगने वाला यह मेला, एक महीने तक चलता है. इस मेले में आस-पास के जिलों से बड़े-बड़े व्यापारी आते हैं. और इस मेले मे अन्य वस्तुओं के साथ गाय, भैंस, घोड़े और ऊंटों को बेचते हैं.