Jan 17, 2025, 07:29 AM IST

त्रेतायुग के लव-कुश की यादों की गवाही देता है उन्नाव में स्थित ये विशालकाय पेड़

Kamesh Dwivedi

भारत में कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनके कुछ साक्ष्य हमें पुराणों और ग्रंथों में भी मिलते हैं.

उत्तर प्रदेश राज्य में कई जगहें हैं, जिनके इतिहास लोगों को अचंभित और आकर्षित करती है.

आज हम जानेंगे त्रेतायुग से जुड़ी उन्नाव की एक जगह, जहां स्थित है सैकड़ों पुराना विशालकाय वट वृक्ष.

उन्नाव जिले में स्थित परियर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है, यहीं पर सीता का परित्याग होने के बाद महर्षि वाल्मिकी के आश्रम में सीता रही.

इसी आश्रम में सीता ने लव-कुश को जन्म दिया और यहीं पर जानकी कुंड के समीप में लगा विशालकाय वट वृक्ष इन सबका गवाह है.

यह वट वृक्ष अभी भी मौजूद है, इनसे और नए वट वृक्षों का जन्म हो रहा है. 

कहा जाता है इसी पेड़ के नीचे महर्षि वाल्मिकी ने श्रीराम के पुत्र लव-कुश को शिक्षा दी थी और धनुष चलाने का ज्ञान भी इसी पेड़ के नीचे सिखाया था.

आज इस वट वृक्ष को संजोने के लिए इसके चारों ओर चबूतरे बना दिए गए हैं, जिससे त्रेतायुग के इस प्रमाण को संजोया जा सके.