Jan 16, 2025, 12:44 PM IST
जीवन जीने की कला सीखाएगी साहित्य पुरोधा निराला की ये पुस्तकें, आज से ही पढ़ना कर शुरु कर दें ये किताबें
Kamesh Dwivedi
सूर्यकांत त्रिपाठा निराला का जन्म बंगाल में हुआ, लेकिन उनके पिता उन्नाव जिले के रहने वाले थे. इसलिए निराला का समय यहां बीता.
मूल रूप से निराला उन्नाव जिला के गढ़ाकोला नामक गांव के निवासी थे. यहीं पर उनमें हिन्दी की अच्छी खासी समझ विकसित हुई.
आज हम निराला की उन 6 पुस्तकों के बारे में बताएंगे जो आपको अपने जीवन मे एकबार जरूर पढ़नी चाहिए.
कुल्ली भाट ये उपन्यास निराला जी का है. इसमें उन्होंने कुल्ली के बहाने अपने जीवन संघर्षों की गाथा कही है, ये आपको प्रोत्साहित करती है.
बिल्लेसुर बकरिहा इस पुस्तक में निराला ने बिल्लेसुर नाम के एक गरीब ब्राम्हण की कहानी बताई है, जो तमाम रूढ़िवादियों से मुक्त है.
निरूपमा निराला का यह उपन्यास एक प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है. इसे जरूर पढ़ना चाहिए.
अलका इस उपन्यास में निराला ने अवध क्षेत्र के किसानों के अभावग्रस्त जीवन को दिखाया है.
चोटी की पकड़ इस उपन्यास को स्वदेशी आंदोलन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है.
अप्सरा यह एक सुंदर और कला प्रेमी वीरांगना की कहानी है, जो आप पर एक गहरा प्रभाव छोड़ सकती है.
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