द्वापर युग से जुड़ा है इस मंदिर का चमत्कारिक इतिहास, जानें आखिर किस जिले में है ये मंदिर
Kamesh Dwivedi
भारत देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनका इतिहास कहा जाता है कि सतयुग, त्रेतायुग, और द्वापर युग का है.
भारत का उत्तर प्रदेश राज्य जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ा राज्य है, जहां पर कई ऐसे स्थल है जिनपर तमाम कहानियां है जो लोगों को आकर्षित करती है.
आज आपको एक ऐसे मंदिर का इतिहास बताएंगे, जो द्वापर युग से जुड़ा है. इस मंदिर को बिल्लेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है, जो उन्नाव जिले में स्तिथ है.
इस मंदिर का इतिहास बताया जाता है कि द्वापर युग के समय का है, जहां श्रीकृष्ण ने खुद मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजन किया था. आइए जानते हैं आखिर क्या है इसका इतिहास...
ये मंदिर की यह विशेषता बताई जाती है कि यहां प्रतिदिन शिवलिंग पूजे गए रूप में मिलता है, जिससे लोगों की आस्था दोगुनी हो जाती है.
बिल्लेश्वर महादेव का मंदिर उन्नाव जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर पुरवा कस्बे के पास स्थित है, जो महादेव को समर्पित है और सावन के समय यहा भक्तों की कतार लगी होती है.
इस मंदिर का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा हुआ बताते हैं, कहते हैं कि महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले श्रीकृष्ण राजा मौरध्वज के यहां परीक्षा लेने अर्जुन के साथ गए. जिसमें जंगलों में देर होने की वजह से उन्होंने अर्जुन को पानी की व्यवस्था करने को कहा.
इसी जल से कृष्ण संध्या वंदन करते, तो अर्जुन ने तीर मारकर जल निकाला जिसके लगातार बहाव को कम करने के लिए धनुष रख दिया. धनुष के आकार का तालाब मंदिर के बाहर स्थित है.