Jan 9, 2025, 10:26 AM IST
"कुछ बात मिरे मुँह से निकलने नहीं देते..." पढ़िए अजीज सफीपुरी की शानदार गजलें
Kamesh Dwivedi
उन्नाव को कलम की धरती कही जाती है, क्योंकि यहां तमाम साहित्यकारों ने जन्म लिया और साहित्य की दुनिया में एक अलग ही क्रांति लाने का काम किया.
आज जानेंगे अजीज सफीपुरी की शानदार गजलें, जो लोगों का मन मोह लेती हैं...
कर जाते हैं हर दर्द में आकर मिरी तस्कीं, लख्त दिल सद पारा उगलने नहीं देते
आशिक हूं मुझे इश्क से तरकीब दिया है, मिट्टी में मिला कर मुझे गलने नहीं देते
खस्त: कर देता है दिल को दर्द से, खूं पिला कर फिर दवा करता है इश्क
कोई क्या समझे कि क्या करता है इश्क, हर दम इक फित्नः बपा करता है इश्क
हर एक शय का वही है बातिन हर एक शय से वही है जाहिर, मगर वो हर शय से है निराला खुदा की बातें खुदा ही जाने
कोई जो समझे तो कैसे समझे बहुत बड़े हैं गजब के धोके, कहीं है बंदः कहीं है मौला खुदा की बातें खुदा ही जाने
ऐ 'अज़ीज़' ये बातें ये फरेब की घातें, किसी से तुम ने सीखा है ढंग दिलरुबाई का
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