Jan 13, 2025, 10:37 AM IST

"दिमाग अर्श पे है तेरे दर की ठोकर से..." पढ़िए रजा लखनवी की दिल छू जाने वाली गजलें

Kamesh Dwivedi

भारत देश ऐतिहासिक और धार्मिक चीजों में बहुत महान है, और साहित्य के मामले में भी भारत कतो कोई जवाब नहीं है.

आज रजा लखनवी के गजलों को पढ़ेंगे, जिनका जन्म उन्नाव की धरती पर हुआ. जो कलम की धरती कही जाती है. 

आइए पढ़ते हैं रजा लखनवी की शानदार गजलें...

भरी बहार के दिन हैं खयाल आ ही गया, उजड़ न जाता तो फूलों में आशियां होता

हसीन कदमों से लिपटी हुई कशिश थी जहां, वहीं था दिल भी 'रजा' और दिल कहां होता

दिमाग अर्श पे है तेरे दर की ठोकर से, नसीब होता जो सज्दा तो मैं कहां होता

सुन के मेरा हाल हैं आंखें न मलने के वजूह, ये भी हो सकता है शायद अश्क भर लाते हो तुम

वास्ता कोई न रख कर भी सितम ढाते हो तुम, दिल तड़प उठता है अब काहे को याद आते हो तुम

सुन के मेरा हाल हैं आंखें न मलने के वजूह, ये भी हो सकता है शायद अश्क भर लाते हो तुम