Jan 7, 2025, 09:43 AM IST
महाकुंभ प्रयागराज में आने वाले नागा साधुओं का क्या है इतिहास, जानें इसके अनोखे रहस्य!
Kamesh Dwivedi
13 जनवरी 2025 से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में दुनिया की सबसे भीड़ इकट्ठा होने वाली है, तो सबकी नजर महाकुंभ पर है.
महाकुंभ में साधु-संतों का हुजूम उमड़ने वाला है, एक महीने के लिए प्रयागराज धर्म की नगरी बनने को तैयार है.
यहां कई तपस्वी पहुंचने वाले हैं, जिसमें नागा साधुओं का भी आगमन हो रहा है. ये साधु आपको सिर्फ कुंभ के समय ही दिखते हैं.
आज नागा साधुओं की तपस्या और उनके इतिहास के बारे में जानेंगे...
नागा साधुओं का इतिहास बहुत पुराना बताया जाता है. इसका सबूत मोहनजोदारों के सिक्कों और चित्रों में मिलता है.
जिसमें इन्हें पशुपतिनाथ रूप में भगवान शिव की पूजा करते हुए दिखाया गया है.
नागा साधु अपनी घोर तपस्या और इन्द्रियों पर विजय पाने के लिए जाने जाते हैं. ये सांसारिक मोह माया को हमेशा के लिए त्याग कर देते हैं.
नागा साधु बनने के लिए अत्यधिक साहस की जरूरत होती है. ये अपने श्रंगार के लिए किसी भी बाहरी वस्तु का इस्तेमाल नहीं करते, बस राख को शरीर पर लगाते हैं.
नागा साधु कभी कपड़ा नहीं पहन सकते. वे ब्रम्हचर्य का पालने करते हैं. ये साधु आपको केवल शाही स्नान के दौरान दिखते हैं.
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