Mar 12, 2025, 07:55 AM IST

बावन स्वतंत्रता सेनानियों की फांसी का गवाह है ये इमली का पेड़ !

Arti

उत्तर प्रदेश भारत का एक ऐसी स्थान है, जिसने आजादी के लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. 

यहां से कई सारे स्वतंत्रता सेनानी निकले है जिन्होंने आजादी की लड़ाई में हंस्ते-हंस्ते अपनी जान गवां दी थी.

उन्ही ऐतिहासिक यादों में से एक फतेपुर का इमली का पेड़ है, जो प्रयागराज से 3 घंटे की दूरी पर स्थित है.

इसी बावनी इमली के नीचे ही 52 शहीदों को एक साथ फांसी दी गई थी, जिस वजह से यह बावनी इमली के नाम से प्रसिद्ध है.  

ये ऐतिहासिक घटना 28 अप्रैल 1858 को घटित हुई थी, जिसमें गुरिल्ला युद्ध में माहिर ठाकुर जोधा सिंह राजपूत और उनके 51 साथी शामिल थे.

बावनी इमली का यह पेड़ लगभग 200 साल पुराना माना जाता है, यहां पर वीर शहीदों की याद में स्मृति स्मारक बनाए गए हैं.

यह एक शांतिपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जहां पर आप जाकर इतिहास से जुड़ी यादों को ताजा कर सकते हैं.

यहां जाने के लिए आप आसानी से बस या ट्रैक्सी से पहुंच सकते हैं.

अगर आप भी प्रयागराज जा रहे है तो यहां से 3 घटे की दूरी पर मौजूद शहीद स्थल बावनी इमली को विजिट जरूर करें.