Jan 22, 2025, 07:47 AM IST

विमानों और ग्रहों की स्थिति को सदियों पहले बता गए ये ऋषि, जानें कुंभनगरी में ये क्यों हैं खास?

Kamesh Dwivedi

144 सालों के बाद प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, इसलिए पूरी दुनिया में सबकी नजर प्रयागराज की तरफ है.

आइए आज जानते हैं संगमनगरी प्रयागराज के एक ऋषि के बारे में जिनके ज्ञान ने विमानों और ग्रहों तक की स्थिति को बता दिया था.

इस ऋषि का नाम भारद्वाज मुनि है, जिनका आश्रम और एक बड़ी प्रतिमा प्रयागराज के बालसन चौराहे पर स्थापित की गई है. 

बताया जाता है कि महर्षि भारद्वाज सप्तऋषियों में से एक थे और ये प्रयागराज की धरती पर पहले वासी भी थे.

रामायण के अनुसार भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता ने वनवास के दौरान इसी जगह पर विश्राम किया था. जो प्रयागराज में ही उपस्तिथ था. 

लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान श्रीराम ने यहां आकर महर्षि भारद्वाज का आशीर्वाद भी लिया था.

भारद्वाज मुनि विज्ञान और चिकित्सा के संबंध में प्रकांड विद्वानों में एक माने जाते थे.

इन्होंने वैमानिक शास्त्र जैसे ग्रंथों की रचना की और उसमें विमान, लड़ाकू विमानों के निर्माण की जानकारियां दी. साथ ही साथ ग्रहों की भी गणना बताई थी.

प्रयागराज की धरती पर स्थापित इनकी मूर्ति और पार्क लोगों को धार्मिकता और ऐतिहासिकता का पाठ पढ़ाता नजर आता है.