Jan 19, 2025, 05:21 PM IST
"दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ ..." पढ़िए अकबर इलाहाबादी के खूबसूरत शेर
Kamesh Dwivedi
अकबर इलाहाबादी का जन्म 1846 में प्रयागराज के बारा में हुआ था.
अकबर इलाहाबादी उर्दू भाषा के एक प्रभावशाली शायर और लेखक रहे. इनके लेख स्वतंत्रता संग्राम के समय बहुत मशहूर थे.
आइए पढ़ते हैं आज अकबर इलाहाबादी के खूबसूरत शेर..
पैदा हुआ वकील तो शैतान ने कहा, लो आज हम भी साहिब-ए-औलाद हो गए
दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार नहीं हूँ, बाजार से गुजरा हूं खरीदार नहीं हूं
आह जो दिल से निकाली जाएगी, क्या समझते हो कि खाली जाएगी
कोट और पतलून जब पहना तो मिस्टर बन गया, जब कोई तकरीर की जलसे में लीडर बन गया
मैं भी ग्रेजुएट हूँ तुम भी ग्रेजुएट, इल्मी मुबाहिसे हों जरा पास आ के लेट
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता
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