प्रयागराज ऋषि भारद्वाज से लेकर ऋषि पन्ना की जन्मस्थली रहा है, जाने इसका इतिहास!
Arti
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला न सिर्फ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बल्कि सदियों से धर्म और आस्था का केन्द्र रहा है.
हिन्दू मान्यता के अनुसार प्रयागराज में ही सृष्टी के रचयिता ब्रह्मा ने सृष्टी के कार्य के लिए प्रथम यज्ञ किया था. और इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात् यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना है.
यह हिन्दू धर्म के सबसे बड़े सम्मेलन महाकुम्भ की चार प्रमुख स्थलों मे से एक है. प्रयाग का यह प्रमुख स्थल गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित है. जिसे त्रिवेणी संगम कहते है.
क्या आप जानते हैं कि यह ऐसा पवित्र स्थल है, जो कई सारे महान ऋषियों की जन्मस्थली भी रही है जैसे कि ऋषि भारद्वाज, ऋषि पन्ना और दुर्वासा ऋषि इत्यादि.
ऋषि भारद्वाज लगभग 5 हजार ई.पू. में ऋषि भारद्वाज यहां पर निवास करते थे. इन्हें यहां का पहला निसी और विश्व का पहला दार्शनिक माना गया है.
दुर्वासा ऋषि इनका जन्म महर्षि अत्रि और अनुसूया के यहां हुआ था, जो अपनी महान तपस्या और क्रोध के लिए जाने जातं हैं.
ऋषि पन्ना प्रयागराज के प्रसिद्ध ऋषि मुनियों मे से एक ऋषि पन्ना भी हैं, जिन्होंने संगम के तट पर ज्ञान प्राप्त किया था. इनकी एक मूर्ती प्रयागराज के अक्षय वट के नीचे लगी हुई है.