Jan 9, 2025, 04:51 AM IST

जानें प्रयागराज के वर्षों पुराने खुसरों बाग का इतिहास!

Arti

खुसरो बाग प्रयागराज का एक ऐतिहासिक स्थल है, जो मुगलकालीन वास्तुकला से जुड़ा हुआ है. यह प्रयागराज के लूकरगंज मे स्थित है जो प्रयागराज जंक्शन के नजदीक क्षेत्र मे स्थित है.

इस बाग का संबंध स्वतंत्रता संग्राम से भी रहा है. कई स्वतंत्रता सेनानी इसे गुप्त ठिकानों के रूप में भी प्रयोग करते थे.

बता दें कि, खुसरो बाग में 17वीं सदी के चार मुगलकालीन कब्रिस्तान शामिल है. जो अकबर के बेटे जहांगीर से जुड़े हैं. जिसकी वजह से ये बगीचा खूबसूरत इतिहास के पन्नों से भरा हुआ है.

खुसरो बाग यहां पर जहांगीर के बेटे खुसरो मिर्जा, निथार बेगम और शाह बेगम के मकबरे मौजूद हैं. इन मकबरों पर बलुआ पत्थर से खूबसूरत नक्काशी की गई है. जो पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं.

खुसरो मिर्जा का मकबरा ,  इस मकबरे 1622 में बनवाया गया था. और  यह मकबरा जहांगीर के बेटे खुसरो मिर्जा का है. जहांगीर से बगावत करने पर खुसरो मिर्जा मारा गया था, बाद में उन्हे यहां पर दफनाया गया था.  

शाह बेगम का मकबरा ये मकबरा जहांगीर की पत्नी मानबाई उर्फ शाह बेगम का है. ये मकबरा हरियाली भरे बाग में मुगलकालीन शिल्प की खूबसूरती बयां कर रहा हैं.

निथार बेगम का मकबरा यह मकबरा खुसरो की बहन निथार बेगम का है.ये मकबरा ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है और इसकी छत पर चांद एवं तारों की पेंटिंग बनाई गई है.

बीबी तंबोलन की संरचना इसे बीबी तंबोलन की कब्र कहा जाता है. हालांकि यहां पर कोई मकबरा नही है. यह एक खाली कक्ष है, इसके पास ही उच्च गुणवत्ता वाले अमरूद के बगीचे मौजूद है.

अगर आप भी प्रयागराज जा रहे हैं तो फैमिली और दोस्तों के साथ खुसरोबाग की खूबसूरती का आनंद लेना ना भूले. इन मकबरों के  खूबसूरत मेहराब, गुम्बद और छत्री दूर से ही पर्यटकों को आकर्षित करते हैं