Jan 19, 2025, 02:00 PM IST
जानें अखाड़ों की कितनी होती है संख्या, किन आधारों पर हैं ये अलग
Kamesh Dwivedi
महाकुंभ के इस आयोजन में दुनियाभर के तमाम साधु-महात्मा पहुंचे है. सबकी अपनी तपस्याएं हैं और अपने नियम.
महाकुंभ संन्यासियों के लिए जाना जाता है. यहां पर कई अखाड़ों का संगम होता है.
आज हम जानेंगे आखिर कुल कितने अखाड़े होते हैं, और किस तरह इनमें अंतर बता सकते हैं.
अखाड़ों का स्वागत महाकुंभ में गाजे-बाजे, हाथी-घोड़े, तमाम तरीकों के अजीबों-गरीब करतब से होता है.
बताया जाता है कि शुरूआत में सिर्फ चार अखाड़े हुआ करते थे, लेकिन विचारों में कुछ अलगाव होने के कारण बंटवारा हुआ.
इसी वजह से आज वर्तमान में कुल अखाड़ों की संख्या 13 हो गयी है, जिन्हें तीन समूहों में बांटा गया है, जिस कारण सभी के विधि-विधान बिल्कुल अलग है.
पहला समूह शैव परंपरा वाला मतलब जो शिव की भक्ति करते हैं. इस संप्रदाय में 7 अखाड़ों को शामिल किया गया है.
दूसरा समूह बैरागी वैष्णव संप्रदाय का है मतलब जो विष्णु की भक्ति करते हैं. इस संप्रदाय मे कुल 3 अखाड़े हैं.
तीसरा समूह उदासीन संप्रदाय को मानने वाले होते हैं. अर्थात जो गुरू नानक की वाणी से बहुत प्रेरित रहते हैं. इसमें कुल 3 अखाड़े शामिल है.
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