जानें श्रृंगवेरपुर पवित्र स्थल के बारे में, जो जुड़ा है भगवान राम की पौराणिक गाथा से !
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श्रृंगवेरपुर प्रयागराज जिले में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल है, जो लखनऊ रोड पर प्रयागराज से 45 किमी. की दूरी पर स्थित है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वनवास जाते समय, भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ यहीं से गंगा नदी को पार किए थे.
बता दें कि रामायण में इसी स्थान को निशादराज की नगरी बताई गई है. निशाद यहां के ‘मछुआरों का राजा’ था.
श्रृंगवेरपुर मान्यता है कि इस जगह पर उत्खनन विभाग को खुदाई के दौरान श्रृंगी ऋषि का आश्रम मिला था, जिसकी वजह से इसका नाम श्रृंगवेरपुर पड़ा है.
कहा जाता है कि नदी पार करने के दौरान ‘निशाद’ ने राम से शर्त रखी थी कि जब भगवान राम अपना पैर धुलवाने की अनुमति देगें तभी नदी पार करवाएगा.
जिसके बाद भगवान राम ने चरण धोने की अनुमति दे दी. और निशाद ने भगावान के पैर धोकर अपनी श्रद्धा प्रकट की थी.
निशाद ने जिस जगह पर भगवान राम के पैर धोए थे, वह स्थान आज भी 'राम चुरा' के नाम से जाना जाता है.
इस जगह पर एक छोटा सी मंदिर बना हुआ है, जिसका कोई धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व ज्यादा नहीं है. लेकिन फिर भी यह एक शांतिपूर्ण और पर्यटकों के घूमने की एक अच्छी जगह है.
अगर आप भी प्रयागराज जा रहे है तो एक बार श्रृंगवेरपुर घूमने जरुर जाएं. इसका मनमोहक और शांतिपूर्ण माहौल पर्यटन के आकर्षण का केन्द्र है.