Jan 16, 2025, 02:07 PM IST

जाने संगम पर बने, पान्टून पुल के इतिहास के बारे में !

Arti

  क्या आप जानते हैं कि हिन्दू धर्म के सबसे बड़े उत्सव महाकुंभ के लिए 30 पान्टून पुल बनाए गए हैं 

इस पान्टून पुल को बनवाने में 17 करोड़ 31लाख रूपए लगभग खर्च किए गए हैं.

 क्या आपने सोचा है कि पानी में तैरते इन पान्टून पुलों का इतिहास क्या है?

बता दें कि पहली बार 2500 साल पहले पान्टून पुल को फारसी इंजीनियर ने  बनाया था 

साथ ही 1973 में मिस्र ने स्वेजनहर को पार करने के लिए 10 पान्टून पुलों का निर्माण करवाया था, तो वहीं पर 1976 में अमेरिकी सेना ने फ्लोटिंग ब्रिज का निर्माण करवाया था. 

पान्टून पुल का निर्माण हर जगह परिस्थिति के अनुसार किया जाता है, यह पुल वहीं बनाया जाता है जहां पर पानी की गहराई कम होती है.

हर पान्टून का 5 टन वजन सहने की क्षमता होती है, जिसकी वजह से पान्टून पुल पर लगातार चलते रहने के लिए कहा जाता है. ताकि पान्टून पुल को डूबने या बहने का डर न रहे.

प्रयागराज के आलोपी बाग में पान्टून पुल बनाने की वर्कशॉप है, एक पान्टून का वजन 52 क्विंटल और 69 किग्रा. होता है.