जानें महाकुंभ प्रयागराज कैसे पहुंचे, ठहरने की जगह के बारे में !
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महाकुंभ हिन्दू धर्म के आस्था का सबसे बड़ा उत्सव है, इसे कुम्भ मेला भी कहा जाता है.
इस बार महाकुंभ का मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से चल रहा है, जो 26 फरवरी 2025 को शिवरात्रि के दिन समाप्त होगा.
अगर आप भी महाकुंभ के इस महा पर्व में शामिल होने के बारे में सोच रहे हैं, और संगम पहुंचने और वहां ठहरने की जगह तलाश कर रहे हैं तो आप सही जगह पर आएं हैं
सड़क मार्ग महाकुंभ प्रयागराज पहुंचने के कई रास्ते हैं इस यात्रा के लिए जौनपुर, रीवा, बांदा, लखनऊ, मिर्जापुर, कानपुर, वारणसी और प्रतापगढ़ के रास्तों से पहुंचा जा सकता है.
सरकार द्वारा यहां पर जाने वाली निजी बसों और वाहनों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से कई प्रमुख एंट्री प्वाइंट तय किए गए है.
रेल मार्ग यहां पहुंचने के लिए आप रेल मार्गों का भी प्रयोग कर सकते हैं, प्रयागराज देश के बड़े-बड़े रेलमार्गों से जुड़ा हुआ है. इसके बाद आप यहां से टैक्सी या ऑटो रिक्सा का मदद ले सकते हैं.
हवाई मार्ग महाकुंभ पहुंचने के आप हवाई मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं. प्रयागराज (बम्हरौली) में ही एक हवाई अड्डा मौजूद है, जो देश के बड़े-बड़े हवाई मार्गों दिल्ली, मुम्बई, और बंगलूरू से जुड़ा है. इसके निकटतम लखनऊ और वारणसी हवाई अड्डे हैं.
रूकने की व्यवस्था महाकुंभ मेले में रूकने के लिए राज्य सरकार द्वारा 10 लाख लोगों के रूकने की व्यवस्थ की गई है. जिसमें से फ्री और पेड दोनों तरह धर्मशालाएं और आश्रम की व्यवस्था है.
यहां पर जाकर आप कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर दर्शन करने, घूमने का आनंद ले सकते हैं, और साथ ही स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं