Jan 13, 2025, 08:30 AM IST

महाकुंभ में संतों के समागम में किन्नर अखाड़ा है लोगों के आकर्षण का केन्द्र, जानें इसका इतिहास

Kamesh Dwivedi

महाकुंभ की धरती प्रयागराज में पूरे विश्व का सबस बड़ा धार्मिक आयोजन शुरू हो चुका है. 

इसका साक्षी बनने के लिए पूरे विश्व की 40 करोड़ आबादी प्रयागराज क्षेत्र में आ रही है.

महाकुंभ के इस धर्म की नगरी में साधु-संतों का सैलाब उमड़ पड़ा है. आज जानेंगे किन्नर अखाड़े के बारे में, जो लोगों के लिए है आकर्षण का केंद्र.

सनातन धर्म से 13 अखाड़े जुड़े हैं, जिसमें किन्नर अखाड़ा सबसे नया है. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों को संविधान के तहत अधिकार दिए.

फिर इसी कड़ी में 2015 में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर अखाड़े की स्थापना 13 अक्टूबर 2015 को किया.

किन्नर अखाड़े ने 2016 के उज्जैन के पहले कुंभ में भाग लिया, फिर उसके बाद 2019 में प्रयागराज के अर्द्ध कुंभ में शामिल हुआ.

इसके कारण आज किन्नरों को संतों से सम्मान मिलने लगा और लोग भी किन्नरों का बहुत सम्मान की नजर से देखते हैं.

प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में इस बार फिर से किन्नर अखाड़े की धूम मचने वाली है.

किन्नर अखाड़ा शैव संप्रदाय से जुड़ा है, और इन किन्नरों के इष्ट देव अर्धनारीश्वर हैं, जिनकी पूजा-पाठ के बाद ही किन्नर संत अपने कार्य की शुरूआत करते हैं.