कलम के इन सिपाहियों के चलते विश्व पटल पर पहुंची हिंदी
Kamesh Dwivedi
आज पूरा विश्व हिन्दी भाषा पर गर्व कर रहा है, इसीलिए आज का दिन 10 जनवरी विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भारत में ऐसे तमाम हिन्दी के सेवकों ने जन्म लिया जिन्होंने हिन्दी को विश्व पटल पर पहचान दिलाने का काम किया.
आज यूपी के जिलों से निकले ऐसे ही उन साहित्यकारों को जानेंगे, जिनके योगदान से हिन्दी भाषा आज इतनी समृद्ध हुई है.
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
बंगाल की धरती पर जन्म तो हुआ, लेकिन उनका निवास यूपी का उन्नाव जिला था. जो हिन्दी के अच्छे कवि के रूप में है.
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
बस्ती जिले में जन्में आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिन्दी भाषा को उच्च स्तर पर पहुंचाया. हिन्दी साहित्य का इतिहास किताब उनकी चर्चित किताबों में है.
फिराक गोरखपुरी
गोरखपुर की धरती पर जन्में फिराक अपने शेरों-शायरियों के लिए जाने जाते हैं.
मजरूह सुल्तानपुरी
इन्होंने भी हिन्दी की अच्छी शायरियां लिखी है, जो लोगों को पसंद आती है. हिन्दी को समृद्ध बनाने में बहुत योगदान रहा है.
हरिवंश राय बच्चन
प्रयागराज की धरती पर हरिवंश राय का बड़ा नाम है, जिन्हें मधुशाला रचना के लिए जाना जाता है.