Jan 22, 2025, 06:28 PM IST
"दिल की बाजी कोई मजाक नहीं..." पढ़िए फरहत कानपुरी के प्रसिद्ध शेर
Kamesh Dwivedi
भारत में आपने कई लेखक शायरों, साहित्यकारों, और कवियों को पढ़ा होगा.
लेकिन आज हम जानेंगे कानपुर देहात से कुछ दूरी पर जन्में फरहत कानपुरी के बारे में, जो कानपुर से आते हैं.
आइए पढ़ते हैं इनके खूबसूरत गजलों को...
औरों पर जब एतराज कर जाता हूं, मौत आए न आए मैं तो मर जाता हूं
बार-बार तोड़कर बार-बार जोड़कर, रिश्ता-ए-खुलूस को खेल ही बना दिया
दिल की बाजी है जान की बाजी, दिल की बाजी कोई मजाक नहीं
दिल को आईने की सब गर्द साफ हो गई, मिट गईं कुदूरतें वोह जो मुस्कुरा दिया
हर हाल में खुश रहना, खुश रहके अलम सहना, एक चीज जमाने में फरहत की भी हस्ती है
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