Jan 20, 2025, 05:59 PM IST

 "कोई आया न आएगा लेकिन..." पढ़िए गोरखपुर में जन्में इस चर्चित शायर के शेर

Kamesh Dwivedi

गोरखपुर में जन्में फिराक गोरखपुरी एक महान शायरों में शुमार है.

आइए पढ़ते हैं इनके खूबसूरत शेर....

इसी खंडर में कहीं कुछ दिए हैं टूटे हुए, इन्हीं से काम चलाओ बड़ी उदास है रात

'फिराक' दौड़ गई रूह सी जमाने में, कहां का दर्द भरा था मिरे फसाने में

जो उन मासूम आंखों ने दिए थे, वो धोके आज तक मैं खा रहा हूं

कोई आया न आएगा लेकिन, क्या करें गर न इंतिजार करें

तारा टूटते सब ने देखा ये नहीं देखा एक ने भी, किस की आंख से आंसू टपका किस का सहारा टूट गया

खो दिया तुम को तो हम पूछते फिरते हैं यही, जिस की तकदीर बिगड़ जाए वो करता क्या है