अमेठी के इस मंदिर में जानें से भक्तों की सारी मुरादें हो जाती हैं पूरी!
Kamesh Dwivedi
भारत देश की चारों दिशाओं में कई तीर्थ स्थल मौजूद है, जहां लोग अपनी आस्था के अनुसार जाते हैं.
आज हम आपको उत्तर प्रदेश राज्य के अमेठी जिले में ले चल रहे हैं, जहां का एक मंदिर लोगों की भक्ति का केंद्र है.
आइए जानते हैं अमेठी जिले के कालिकन धाम के बारे में, जो अमेठी शहर से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर संग्रामपुर में स्थित है.
नवरात्रि के समय मंदिर को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है, जिससे यहां भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है.
लोगों द्वारा कहा जाता है इस मंदिर की देवी के दर्शन मात्र से ही लोगों के सारे कष्ट दूर एवं मुरादे पूरी हो जाती है. बताया जाता है कि इसी जगह च्यवन मुनि का आश्रम हुआ करता था.
एकबार च्यवन मुनि अपनी घोर तपस्या में लीन थे, जिससे उनके ऊपर दीमक लग गया. उसी वक्त अयोध्या के राजा सरयाज अपने परिवार संग घूमने आए.
राजा की बेटी को च्यवन मुनि के शरीर पर लगे दीमक में दो चमकते हुए छेद दिखाई दिए. जिसमें उन्होंने जुगनु की चमक समझ एक तिनका चुभो दिया और उससे खून निकलने लगा, क्योंकि ये मुनि की आंख थी. इस वजह से वो अंधे हो गए.
क्रोध में आकर उन्होंने श्राप दिया जिससे गांव वालों में महामारी फैल गयी, फिर उनकी आंख ठीक देवताओं के वैद्य अश्विनी ने कुंड बनाया. जिसमें नहाने से उनकी आंख ठीक हो गई और वो युवा हो गए.
सभी युवा बनने के लिए इस कुंड में नहाने लगे, फिर ब्रम्हा ने कुंड की रक्षा के लिए देवी का आह्वान किया, जिसके बाद यहां देवी की वास हो गया, और लोग इसके दर्शन करने लगे, जिसेस वहां के लोगों की मुरादें पूरी हो जाती हैं.