सिर्फ 250 रूपए के चलते नहीं बने सके मुख्यमंत्री, जानिए उन्नाव में जन्में इस इंसान की रोचक कहानी
Kamesh Dwivedi
उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां से कई लोगों ने राजनीति, साहित्य, डॉक्टर, और इंजीनियर के क्षेत्रों में इस धरती का नाम रोशन किया है.
आइए आज जानते हैं उन्नाव की धरती में जन्में द्वारिका प्रसाद मिश्र के बारे में, जिन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया.
द्वारका प्रसाद मिश्र जिन्हें मध्य प्रदेश की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. जो एक पत्रकार और कवि भी थे.
इनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के पडारी गांव में सन् 1901 में हुआ था. ये 1963 से 1967 तक मध्यप्रदेश के सीएम पद पर रहे और कांग्रेस पार्टी के मजबूद नेताओं में शुमार रहे.
ये अपने शालीन और सभ्य व्यवहारों के लिए जाने जाते थे. महिलाओं के आते ही ये उनके सम्मान में कुर्सी से खड़े हो जाया करते थे.
बताया जाता है कि दोबारा सीएम बनने से कोर्ट ने उनको अयोग्य कर दिया था, क्योंकि इन्होंने चुनाव लड़ने में निर्धारित खर्चे से 249 रूपए 72 पैसे ज्यादा खर्च किए थे.
इन्होंने साहित्य की दुनिया में भी एक अहम योगदान दिया था. इनकी कई रचनाएं प्रसिद्ध है जैसे एक युग का जीवन, नेहरू युग आदि.
ऐसे ही महान व्यक्ति ने उन्नाव की धरती में जन्म लेकर उत्तर प्रदेश राज्य का ही नहीं, बल्कि देश का नाम भी रोशन किया.