क्या आपने देखा है स्वराज भवन, जिसमें छिपे हैं स्वतंत्रता संग्रांम के कई पन्ने !
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प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर है जो न सिर्फ धार्मिक और ऐतिहासिक संस्कृति का केन्द्र रहा है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में इसका खास योगदान रहा है.
इसी क्रम में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा स्वराज भवन है, जो कभी गांधी परिवार की हवेली हुआ करती थी. जहां पर इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था
उस समय मोती लाल नेहरू वकील हुआ करते थे, लेकिन स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राजनीतिक और सामाजिक सक्रियता बढ़ने के कारण हवेली को नया रूप दे दिया गया.
जिसके बाद यह हवेली स्वतंत्रता सेनानियों की बैठकों, चर्चाओं, रणनीतियों और आन्दोलन का केन्द्र बन गई.
इस भवन के भूमिगत कमरों को उस समय गुप्त बैठकों के लिए प्रयोग किया जाता था
वर्तमान में स्वराज भवन एक संग्रहालय के रूप में है, जहा पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कई वस्तुएं रखी गई हैं जैसे की गांधीजी का चरखा, नेहरू परिवार की वस्तुएं आदि.
स्वराज भवन न सिर्फ एक संग्रहालय है बल्कि उत्तर प्रदेश की संगम नगरी में स्थित एक ऐतिहासिक जगह है, जो हमें स्वतंत्रता संग्राम की यादों से जोड़ता है.
अगर आप भी प्रयागराज जा रहे हैं तो एक बार स्वतंत्रता संग्राम की यादों को जानने के लिए स्वराज भवन जरूर जाएं.