Dec 30, 2024, 12:28 PM IST

निचलौल के राजा रण्डुलसेन की बहादुरी से घबराते थे अंग्रेज

Kamesh Dwivedi

भारत के ऐसे कई हिस्से हैं जहां से आजादी की अलख जगी, और अंग्रजों की नाक में दम कर दिया.

अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाकर बहुत यातनाएं दी, लेकिन कुछ वीर सपूतों ने उनका सामना करके करारा जवाब दिया.

यूपी के महाराजगंज जिले से आने वाले राजा रण्डुलसेन ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन का जिम्मा लिया था.

1857 की क्रांति में राजा रण्डुलसेन ने जब अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा उठाया तो अंग्रेजों ने उनका राजा पद के साथ साथ पेंशन भी छीन लिया.

इसके बावजूद भी राजा झुके नहीं और विदेशी कपड़ों का बाहिष्कार, धरना प्रदर्शन आदि किया.

जमींदारी व्यवस्था के अंत की घोषणा के बाद राजा रण्डुलसेन ने अंग्रेजों के विरूद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया.

इसी तरह राजा से प्रभावित होकर और लोगों ने भी अंग्रेजी शासन का जमकर विरोध किया.

जिसका परिणाम ये हुआ कि 1947 में भारत देश 15 अगस्त को अंग्रेजों के चंगुल से हमेशा के लिए आजाद हो गया.