Jan 23, 2025, 06:47 PM IST
"कौन ये ले रहा है अंगड़ाई...." पढ़िए इस लेखक की ये शानदार शेर
Kamesh Dwivedi
फिराक गोरखपुरी का जन्म कायस्थ परिवार में हुआ था, जो गोरखपुर जिले में पड़ता है.
आइए पढ़ते हैं आज फिराक गोरखपुर के खूबसूरत शेर....
जब्त कीजे तो दिल है अंगारा, और अगर रोइए तो पानी है
इसी खंडर में कहीं कुछ दिए हैं टूटे हुए, इन्हीं से काम चलाओ बड़ी उदास है रात
कमी न की तिरे वहशी ने खाक उड़ाने में, जुनूं का नाम उछलता रहा जमाने में
कौन ये ले रहा है अंगड़ाई, आसमानों को नींद आती है
कोई समझे तो एक बात कहूं, इश्क तौफीक है गुनाह नहीं
शाम भी थी धुआं धुआं हुस्न भी था उदास उदास, दिल को कई कहानियां याद सी आ के रह गईं
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