Oct 14, 2025, 08:27 AM IST

 चांद पर रहने से शरीर में होंगे बदलाव

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इंसान अब चांद पर बसने के सपने को हकीकत में बदलने के करीब है

लेकिन वहां रहना उतना आसान नहीं होगा जितना लगता है

 चांद का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में लगभग एक-छठा है, जिससे शरीर की हड्डियां और मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर हो सकती हैं 

 ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने से सिरदर्द, सूजन और थकान जैसी समस्याएं आम हो सकती हैं 

 चांद की सतह पर वातावरण न होने के कारण खतरनाक कॉस्मिक रेडिएशन का स्तर बहुत अधिक होता है

 जिससे कैंसर, DNA को नुकसान और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है 

इसके अलावा, लंबे समय तक अलग माहौल और सीमित लोगों के बीच रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है 

जैसे तनाव, डिप्रेशन या फोकस में कमी

वैज्ञानिक इन चुनौतियों से निपटने के लिए सुरक्षित बेस, विशेष सूट और रेडिएशन-रोधी तकनीकें विकसित कर रहे हैं

ताकि भविष्य में इंसान चांद पर लंबे समय तक सुरक्षित रूप से रह सके