Oct 31, 2025, 12:00 PM IST
कथक: नृत्य में छिपी कहानी
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कथक शब्द संस्कृत के ‘कथाकार’ से बना है, जिसका अर्थ है कहानी सुनाने वाला
कथक की शुरुआत उत्तर भारत के मंदिरों में भगवान की कथाएँ सुनाने से हुई
नर्तक नृत्य और भावों के ज़रिए कृष्ण और राम की लीलाएँ प्रस्तुत करते थे
मुगल काल में कथक मंदिरों से निकलकर दरबारों तक पहुँच गया।
इस दौर में कथक में संगीत, शृंगार और नज़ाकत का समावेश हुआ
कथक के तीन मुख्य घराने हैं — लखनऊ, जयपुर और बनारस
लखनऊ घराना भाव और अभिव्यक्ति के लिए प्रसिद्ध है
जयपुर घराना तेज ताल और घूमर पर केंद्रित है
बनारस घराना भाव और लय के संतुलन के लिए जाना जाता है
आज कथक भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य शैलियों में से एक है