Oct 30, 2025, 12:35 PM IST
कर्मनाशा नदी: जहां लोग पानी छूने से भी डरते हैं
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उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर बहने वाली कर्मनाशा नदी अपने नाम और डरावनी मान्यताओं के लिए मशहूर है
यह नदी बिहार के कैमूर पहाड़ियों से निकलती है और गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) में गंगा नदी में मिलती है
कुल लंबाई लगभग 192 किलोमीटर है। यह बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा के साथ बहती है
‘कर्मनाशा’ का मतलब है — “कर्मों को नष्ट करने वाली” नदी। यही नाम लोगों के डर की जड़ है
कहा जाता है कि यह नदी ऋषि विश्वामित्र के शाप या त्रिशंकु की लार से बनी थी, जिससे इसे अशुभ माना गया
लोग मानते हैं कि इस नदी को छूने या इसका पानी लेने से पुण्य नष्ट हो जाता है और काम बिगड़ जाते हैं
कई जगहों पर आज भी लोग इस नदी का पानी धार्मिक कार्यों में नहीं लेते और दूरी बनाए रखते हैं
चौसा युद्ध (1540 ई.) इसी नदी के किनारे हुआ था, जहाँ शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को हराया था
वास्तव में यह एक सामान्य नदी है। डर या अशुभता सिर्फ लोककथाओं और मान्यताओं का परिणाम है
कर्मनाशा नदी सिर्फ एक जलधारा नहीं, बल्कि भारतीय लोकविश्वास और इतिहास का अनोखा संगम है