ईरान-इज़राइल टकराव गहराया: अमेरिकी सेना के बेस पर हमला
मध्य पूर्व में तनाव के बीच अमेरिका के सैन्य अड्डों पर हुए हमले ने चिंता बढ़ा दी है
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ईरान ने कतर के अल-उदीद एयर बेस पर सोमवार (23 जून, 2025) शाम को मिसाइल हमला किया
अमेरिका को निशाना क्यों बनाया गया? ईरान अमेरिका को इज़राइल का सबसे बड़ा समर्थक मानता है
Slide 5: विदेशी सैन्य अड्डों का महत्व क्या है? दूसरे देशों में सैन्य अड्डे:
• तत्काल सैन्य कार्रवाई में सहायक
• रणनीतिक प्रभाव बढ़ाते हैं
• मित्र देशों की रक्षा और निगरानी में मदद करते हैं
अमेरिका के सबसे ज़्यादा विदेशी बेस अमेरिका के दुनियाभर में 750+ विदेशी सैन्य अड्डे हैं, जो 80+ देशों में फैले हुए हैं
इनमें जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया, और मध्य पूर्व प्रमुख हैं
क्या भारत के पास भी विदेशी सैन्य अड्डे हैं? भारत के पास पारंपरिक अमेरिकी जैसे विदेशी बेस नहीं हैं, लेकिन:
ताजिकिस्तान के Farkhor Air Base पर रणनीतिक पहुँच है
ओमान, सेशेल्स, मॉरिशस, मेडागास्कर जैसे देशों में नौसैनिक लॉजिस्टिक सुविधाएं
वैश्विक सुरक्षा के लिए क्यों ज़रूरी हैं ये बेस? विदेशी सैन्य अड्डे सिर्फ़ युद्ध के लिए नहीं होते, बल्कि:
डिप्लोमैसी,
इंटेलिजेंस,
और आंचलिक स्थिरता में बड़ी भूमिका निभाते हैं
बड़ा सवाल – भारत की क्या भूमिका? जैसे-जैसे वैश्विक तनाव बढ़ रहा है, क्या भारत को भी अपने विदेशी सैन्य ठिकानों की संख्या और पहुँच बढ़ानी चाहिए?
यह केवल सुरक्षा नहीं, एक वैश्विक रणनीति का सवाल बनता जा रहा है