Jul 7, 2025, 11:46 AM IST

महंगाई का मतलब है वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि। इससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति घटती है

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मांग और आपूर्ति में असंतुलन, तेल की कीमतें, वैश्विक संकट, और नीतिगत फैसले प्रमुख कारण हैं

जून 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर 5.3% पर रही, जो RBI की लक्ष्य सीमा के पास है

दाल, आटा, टमाटर, प्याज जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में तेज़ उछाल दर्ज की गई है

महंगाई से मासिक बजट बिगड़ता है, बचत घटती है और जीवनस्तर प्रभावित होता है

RBI अक्सर महंगाई नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में बदलाव करती है 

वेतन में वृद्धि अक्सर महंगाई के मुकाबले धीमी होती है, जिससे क्रयशक्ति घटती है

सरकार और RBI मूल्य नियंत्रण, सब्सिडी, और मौद्रिक नीतियों के माध्यम से महंगाई पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं

समझदारी से खर्च करें, निवेश बढ़ाएं, और बजट बनाकर खर्च को नियंत्रित करें