Jul 6, 2025, 08:49 AM IST
1950 के दशक से फैज़ाबाद में एक गुमनाम साधु रहते थे बिना नाम, बिना तस्वीर के। लोग उन्हें "भगवानजी" कहते थे।
मृत्यु के बाद उनके कमरे से मिला जर्मन टाइपराइटर, नेताजी से जुड़े दस्तावेज़, रशियन शब्दकोश और 100+ चश्मे
कई गवाहों ने कहा गुमनामी बाबा नेताजी जैसी आवाज़ में बात करते थे , और नेताजी के बारे में अजीब जानकारी उनके पास थी
1999 में गुमनामी बाबा की पहचान जानने के लिए आयोग बना। 2006 में रिपोर्ट आई—वे नेताजी नहीं थे
कई दस्तावेज़ों को आयोग तक पहुँचने से पहले जला दिया गया। DNA जांच भी अधूरी और विवादास्पद रही
DNA जांच से भी नेताजी की पहचान साबित नहीं हुई। कुछ कहते हैं सैंपल ही गलत लिए गए थे
कई मानते हैं कि नेताजी ने खुद को छुपा लिया था, और गुमनामी बाबा उनका नया रूप थे एक राजनीतिक मजबूरी के तहत
सच आज भी अंधेरे में है। गुमनामी बाबा कौन थे? एक सामान्य साधु या भारत के सबसे बहादुर बेटे का छुपा हुआ चेहरा?