Kaal Sarp Dosh और Shani Dev का प्रभाव: डर या दिशा?
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जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाएं, तब बनता है कालसर्प दोष।
इसे जीवन में रुकावटों, मानसिक तनाव और असफलता से जोड़ा जाता है।
कुछ विशेषज्ञ इसे केवल मानसिक भ्रम मानते हैं, लेकिन कई लोगों के अनुभव इसे प्रभावी साबित करते हैं।
यह दोष व्यक्ति के आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
नाग पंचमी पर पूजा, महामृत्युंजय जाप, रुद्राभिषेक, और राहु-केतु शांति जैसे उपाय लाभकारी माने जाते हैं।
कुंडली देखकर विशेष पूजा का निर्णय लेना चाहिए।
शनि का राशि परिवर्तन 2025 में जीवन पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का आरंभ या मध्य चरण चलेगा।
वृश्चिक, धनु, मकर राशियों पर साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव रहेगा
कार्यक्षेत्र, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन में उठापटक संभव है।
मेष, कर्क और मीन राशि वालों को शनि अनुकूल फल दे सकते हैं
आत्मबल, करियर में वृद्धि और मानसिक संतुलन की संभावना
शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं
काली वस्तुओं का दान करें
शनि स्तोत्र और महामृत्युंजय जाप करें
छल-कपट और आलस्य से दूर रहें
कालसर्प दोष और शनिदेव का प्रभाव अंधविश्वास नहीं, समझ और समाधान का विषय है
डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। सही मार्गदर्शन से सब संभव है