Nov 3, 2025, 12:52 PM IST

बिना सिंदूरदान (सिंघोरा) के अधूरी है बिहार की शादियाँ — जानें इसका इतिहास

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बिहार की शादियाँ सिंघोरा के बिना अधूरी मानी जाती हैं

सिंघोरा यानी वह खास डिबिया जिसमें दुल्हन के लिए सिंदूर रखा जाता है

विवाह के समय दूल्हा इसी सिंघोरे से सिंदूर उठाकर दुल्हन की मांग भरता है

इसे दुल्हन के सुहाग और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है

सिंघोरा खरीदने का भी खास नियम — इसे दूर से देखकर ही चुना जाता है

मान्यता है कि जिसे नसीब में लिखा हो वही सिंघोरा घर आता है

पहले सिंघोरा लाल रंग की लकड़ी से बना साधारण होता था

समय के साथ इसमें मोती, लेस, शीशे और डिजाइन से सजावट होने लगी

पुराने समय में इसे चमकाने के लिए केवड़े के पत्ते पर सरसों का तेल लगाया जाता था

शादी के बाद भी यह दुल्हन के साथ उसकी सौभाग्य की निशानी बनकर रहता है

बिहार में मान्यता — महिला के जीवनभर सिंघोरा उसके सुहाग की रक्षा करता है