महाराष्ट्र का मोहित्यांचे वडगांव बना मिसाल
सांगली जिले का ये गांव कर रहा है 'डिजिटल डिटॉक्स' की शुरुआत — रोजाना शाम 7 बजे से 1.5 घंटे तक बिना मोबाइल-टीवी
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7 बजे बजता है सायरन, शुरू होता है डिजिटल ब्रेक
हर शाम गांव में बजता है एक सायरन, जो लोगों को फोन और टीवी बंद करने का संकेत देता है
बदलाव लाने में जुटे गांव के वरिष्ठ लोग
आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी, रिटायर्ड टीचर्स और पंचायत सदस्यों ने मिलकर गांव को समझाया डिजिटल ब्रेक का महत्व
शुरुआती संकोच के बाद मिला भरपूर साथ
शुरू में लोग थे हिचकिचाए, लेकिन अब गांव के अधिकतर लोग इस पहल का करते हैं समर्थन
हर वार्ड में बनी निगरानी समिति
यह देखने के लिए कि सभी नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, गांव में बनी हैं वार्ड स्तर पर टीमें
बच्चों और परिवारों को मिला फायदा
इस पहल से बच्चों की पढ़ाई में सुधार आया है और परिवारों में आपसी संवाद भी बढ़ा है
इमरजेंसी के लिए रखा जाता है एक खास फोन
किसी भी आपात स्थिति में – जैसे स्वास्थ्य, दुर्घटना या कोई जरूरी सूचना – गांववाले इसी फोन का इस्तेमाल करते हैं
क्या आपके गांव या शहर में हो सकता है ऐसा?
सोचिए, अगर पूरे देश में हो ऐसी पहल — क्या हम सभी थोड़ा डिजिटल डिटॉक्स नहीं कर सकते?