Jun 17, 2025, 11:58 AM IST

कामाख्या माता मंदिर – रहस्य, शक्ति और तंत्र का अद्भुत संगम

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यहां कोई मूर्ति नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक शिला है जिसे माँ कामाख्या का प्रतीक माना जाता है

अंबुबाची मेला – तीन दिन मंदिर रहता है बंद माना जाता है कि इन दिनों देवी को मासिक धर्म होता है, इसलिए मंदिर के पट तीन दिनों तक बंद रहते हैं

शक्तिपीठ जहां गिरी थी देवी सती की योनि पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती के अंगों के 51 टुकड़े जहां-जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ बने, कामाख्या उन्हीं में से एक 

 गर्भगृह में बहता लाल जल बनाता है इस मंदिर को अनोखा

देशभर के तांत्रिक यहीं करते हैं रहस्यमयी साधनाएं

नीलाचल शैली में बना भव्य मंदिर मंदिर की वास्तुकला नीलाचल शैली की है, जिसकी गुंबद और लाल पत्थर की दीवारें बहुत आकर्षक हैं

 देवी कामाख्या – सिर्फ आस्था नहीं, रहस्य भी यह मंदिर सिर्फ पूजा का केंद्र नहीं, बल्कि रहस्य, ऊर्जा और तांत्रिक शक्ति का प्रतीक भी है