बुरहानपुर के गणेशोत्सव का इतिहास काफी पुराना है। 1917 में बाल गंगाधर तिलक ने शहर का दौरा किया और गणेश प्रतिमा स्थापना की प्रेरणा दी। इसके बाद 1920 में स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों ने पहली बार सार्वजनिक रूप से गणेश प्रतिमा की स्थापना की। तब से यह उत्सव शहर में उत्साह के साथ मनाया जाता है। तिलक के राष्ट्रीय एकता के विचार को आगे बढ़ाते हुए यह परंपरा आज भी जारी है।