
सोनभद्र में बाल श्रम का खुलासा: नाबालिगों से चलाए जा रहे वाहन
सोनभद्र जिले की आदर्श नगर पंचायत चोपन के वार्ड नंबर 10 में चल रहे निर्माण कार्यों में गंभीर अनियमितताएं और नियमों का सीधा उल्लंघन सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन कार्यों में नाबालिग बच्चों से वाहन चलाने का कार्य कराया जा रहा है, जो स्पष्ट रूप से बाल श्रम कानूनों का उल्लंघन है। इतना ही नहीं, जेसीबी जैसे भारी मशीनरी के चालक के पास वैध लाइसेंस का न होना भी एक बड़ा सुरक्षा जोखिम और कानूनी उल्लंघन है। यह एक अत्यंत संवेदनशील और चिंताजनक विषय है कि नगर पंचायत के भीतर चल रहे विकास कार्यों में ही बाल श्रम का उपयोग किया जा रहा है।
Sonbhadra: ओबरा में करोड़ों की स्ट्रीट लाइटें साल भर में ही खराब, जनता नाराज
सोनभद्र के ओबरा में बग्गा नाला से शारदा मंदिर तक सड़क किनारे करोड़ों रुपये की लागत से लगाई गईं स्ट्रीट लाइटें अब बदहाली की तस्वीर पेश कर रही हैं। जिन लाइटों की औसतन उम्र 5 साल मानी जाती है, वे एक साल के अंदर ही खराब हो गई हैं। कई लाइटें कुछ ही महीनों में जलकर बंद हो गईं, तो कुछ खंभे टूटकर लटक रहे हैं। कई स्थानों पर स्विच बॉक्स टूट चुके हैं, जिनसे निकले खुले तार हादसे का खतरा पैदा कर रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। इस मामले में एक और गंभीर बात सामने आई है कि बाल संरक्षण अधिकारी की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं, जिससे प्रशासनिक लापरवाही उजागर हो रही है। जनता अब इस पूरे मामले की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।
Varanasi: ऊर्जा राजधानी ओबरा में अब भी खतरे भरे रास्ते और बेलगाम वाहन, लोग परेशान
ओबरा, जो एशिया की सबसे बड़ी बिजली परियोजनाओं में से एक है और उत्तर प्रदेश की ऊर्जा राजधानी माना जाता है, आज भी खराब सड़कों और तेज रफ्तार वाहनों की समस्या से जूझ रहा है। हालांकि हाल के वर्षों में ओबरा में तहसील भवन, अपर जिला जज न्यायालय जैसी कई जरूरी सुविधाओं का विकास हुआ है लेकिन सड़क सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। ओबरा सोनभद्र जिले की एक प्रमुख तहसील और विधानसभा क्षेत्र है, जहां करीब 59 हजार की आबादी रहती है। यह प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत भी है।