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Deoria274001

बिहार राज्य में एन डी ए की प्रचंड जीत के बाद भाजपाइयों ने मनाया जश्न

SSandeep
Nov 14, 2025 16:41:46
Deoria, Uttar Pradesh
खबर देवरिया जिले में जहां बिहार राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत पर जमकर जश्न मनाया गया।जिला मुख्यालय के सुभाष चौराहे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक डॉ.शलभ मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जमकर पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी।इसके अलावा डांस करके जीत का जश्न मनाया। आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि देवरिया जिले में बिहार के एनडीए की जीत पर किस प्रकार जश्न मनाया जा रहा है...
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NJNarendra Jaiswal
Nov 14, 2025 18:31:35
Jasa, Bihar:मुकुल जायसवाल स्लग - रामगढ़ मतगणना केंद्र पर पुलिस और समर्थकों के बीच झड़प रामगढ़ विधानसभा मतगणना केंद्र मोहनिया के बाहर पुलिस और जनसमूह में तनाव, लाठीचार्ज तथा पथराव से स्थिति बिगड़ी, तीन पुलिसकर्मी घायल, प्रशासन चुप्पी साधे हुए वियो -कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मतगणना के दौरान मोहनिया बाजार समिति के मतगणना केंद्र के बाहर पुलिस और समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई। मतदान केंद्र के बाहर जमकर पत्थरबाजी और लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान तीन पुलिसकर्मियों के सिर में चोटें आईं। समर्थकों ने बैरिकेडिंग तोड़कर मुख्य द्वार तक पहुंचकर हंगामा किया। दरअसल, बीजेपी और बसपा के समर्थक मतगणना के आखिरी राउंड को लेकर काफी नाराज थे। हिंसा के दौरान एक सरकारी अधिकारी की स्कॉर्पियो वाहन में भी आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की, लेकिन समर्थक उग्र बने रहे。 जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। हजारों की संख्या में समर्थक सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे इलाके में तनाव व्याप्त है। अभी भी स्थिति पूरी तरह से शांत नहीं हुई है और प्रशासन की निगरानी जारी है। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मतगणना की प्रक्रिया के अंतिम पड़ाव में यह संघर्ष परिणामों के प्रति असंतोष को दर्शाता है。
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ANAnil Nagar1
Nov 14, 2025 18:31:02
Gwalior, Bhopal, Madhya Pradesh:बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने किया कार्य विभाजन.....संभाग प्रभारी किए घोषित... बेहतर समन्वय के लिए 13 संभागों के प्रभारी घोषित.... प्रदेश पदाधिकारियों सहित वरिष्ठ नेताओं को 13 संभागों की जिम्मेदारी.... प्रदेश महामंत्री लता वानखेड़े को उज्जैन संभाग का प्रभार..... प्रदेश महामंत्री सुमेर सिंह सोलंकी को छिंदवाड़ा का प्रभार.... प्रदेश महामंत्री राहुल कोठारी को जबलपुर संभाग का प्रभार.... गौरव रणबीवे को सागर संभाग का प्रभार... प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत खरे को ग्वालिया संभाग का प्रभार... अभय यादव को चंबल संभाग का प्रभार.... विजय दुबे को रीवा संभाग का प्रभार... गौरव सिरोठिया को शहडोल संभाग का प्रभार.... प्रदेश उपाध्यक्ष कांतिदेव सिंह को नर्मदापुरम संभाग का प्रभार तेजबहादुर सिंग को भोपाल संभाग का प्रभार... प्रदेश उपाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत को इंदौर संभाग का प्रभार.... प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा को निवाड़ी जिले का प्रभार.... सुरेश आर्य को मंदसौर का प्रभार....
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DGDeepak Goyal
Nov 14, 2025 18:30:44
Jaipur, Rajasthan:राजस्थान में नौकरशाही की शीर्ष कुर्सी एक बार फिर दिल्ली डेपुटेशन पर तैनात अधिकारी को मिल रही है। लगभग दो साल पहले 31 दिसंबर 2023 को सुधांश पंत को दिल्ली से सीधे जयपुर भेजकर मुख्य सचिव बनाया गया था। अब वही कहानी दोहराई गई है। 1989 बैच के सीनियर IAS वी. श्रीनिवास का मुख्य सचिव बनना अब औपचारिकता भर है। केंद्र ने उनकी सेवाएं राजस्थान को लौटा दी हैं। राज्य सरकार पहले ही उनके नाम को मंजूरी देकर प्रस्ताव भेज चुकी थी। सोमवार को आदेश जारी होते ही वे मुख्य सचिव की कुर्सी संभाल लेंगे। VO-1- दिल्ली में केंद्र सरकार का अहम पद संभाल रहे 1989 बैच के वरिष्ठ IAS वी. श्रीनिवास अब राजस्थान की नौकरशाही की कमान संभालने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें रिलीव कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार अब किसी भी वक्त उनके मुख्य सचिव नियुक्त होने का आदेश जारी कर सकती है। इससे पहले 2023 में भी सुधांश पंत को दिल्ली डेपुटेशन से ही सीधे राजस्थान भेजकर मुख्य सचिव बनाया गया था। केंद्र ने सेवाएं लौटाईं, अब राज्य में संभालेंगे शीर्ष कुर्सी। 1989 बैच के आईएएस श्रीनिवास अभी तक केंद्र में प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत और पेंशनर्स कल्याण विभाग के सचिव थे। राजस्थान सरकार ने मुख्य सचिव सुधांश पंत सेंट्रल डेपुटेशन जाने के आदेश के बाद से नए चेहरे की तलाश शुरू कर दी थी। सीनियरिटी और मेरिट के आधार पर वी. श्रीनिवास के नाम पर औपचारिक सहमति देते हुए केंद्र को प्रस्ताव भेजा था। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने उसी प्रस्ताव पर कार्रवाई करते हुए उनकी रिलीविंग जारी कर दी। अब सोमवार को आदेश जारी होते ही श्रीनिवास मुख्य सचिव का पदभार संभालेंगे। उधर, सुधांश पंत दिल्ली में ‘OSD’ बनकर वापसी की तैयारी में। मुख्य सचिव सुधांश पंत के लौटने पर उन्हें फिलहाल कैबिनेट सचिवालय में OSD बनाया गया है। उन्हें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है, लेकिन वहां के मौजूदा सचिव अमित यादव के 30 नवंबर तक रिटायर न होने के कारण पंत को यह अस्थायी जिम्मेदारी दी गई है। सीनियरिटी की रेस में टॉप-दिसंबर के बाद पूरे राजस्थान के सबसे senior IAS cadres की स्थिति पर भी चर्चा है। 1989 बैच के वी. श्रीनिवास की वरिष्ठता उनकी नियुक्ति का एक महत्वपूर्ण आधार है। 1988 बैच के एकमात्र IAS सुबोध अग्रवाल दिसंबर में रिटायर होने जा रहे हैं, जिससे इसके बाद श्रीनिवास राजस्थान कैडर के सबसे senior अधिकारी होंगे। उनके मुख्य सचिव बनने पर किसी भी senior अधिकारी को सचिवालय से बाहर भेजने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि उनसे वरिष्ठ किसी अधिकारी के बचने की संभावना कम है। अगले साल रिटायरमेंट-पर एक्सटेंशन की पूरी संभावना है। वी. श्रीनिवास सितंबर 2026 में रिटायर होंगे। अगर वे सोमवार को दायित्व संभाल लेते हैं तो लगभग 10 महीनों तक नियमित मुख्य सचिव रहेंगे। सरकार चाहें तो उन्हें एक्सटेंशन दे सकती है। 35 साल की सेवा… और आधे से ज्यादा कैरियर दिल्ली-IMF में। 1989 बैच के IAS वी.श्रीनिवास का करियर प्रशासनिक विविधता का एक ‘मिश्रण’ है। राजस्थान कैडर, दिल्ली की नौकरशाही और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान तक। राजस्थान में शुरुआती पोस्टिंग्स 1989 भीलवाड़ा SDO, निंबाहेड़ा SDO, 1995–98: निदेशक, जलग्रहण विकास व मृदा संरक्षण, 1997–99: कलेक्टर पाली, 1999: कलेक्टर जोधपुर, 1999–2000: उप सचिव, वित्त विभाग 17 साल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति- दिल्ली और IMF 2000–01: डिप्टी सेक्रेटरी, पेट्रोलियम मंत्रालय 2001–03: तत्कालीन विदेश/वित्त मंत्री जसवंत सिंह के निजी सचिव 2003–06: IMF वाशिंगटन DC में तकनीकी सहायक 2010–13: संयुक्त सचिव, टेक्सटाइल मंत्रालय 2013–14: संयुक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय 2014–17: उपनिदेशक, AIIMS दिल्ली 2018–अब तक लगातार केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ। क्यों माना जा रहा है यह नियुक्ति ‘रणनीतिक’? अनुभव का असाधारण मिश्रण: राज्य, केंद्र और IMF का त्रिकोणीय अनुभव राजस्थान कैडर की वरिष्ठता का पूरा लाभ राज्य को अगले 10 माह तक स्थिर प्रशासनिक नेतृत्व मिलने की उम्मीद बहरहाल, राजस्थान प्रशासन अब एक बार फिर बड़े बदलाव की दहलीज़ पर है। दिल्ली से लौट रहे वी. श्रीनिवास, तीन दशक से अधिक के अनुभव और केंद्र में लंबी पारी के साथ, अब राज्य की ब्यूरोक्रेसी के बॉस की कमान संभालने को तैयार हैं। दिसंबर में सबसे वरिष्ठ अधिकारी का दर्जा मिलने के साथ ही उनकी नियुक्ति, शासन-प्रशासन में स्थिरता और तेज़ फैसलों का संकेत मानी जा रही है। सीएस पद पर उनका कार्यकाल भले सिर्फ 10 महीने का हो, लेकिन उसके बाद संभावित एक्सटेंशन तस्वीर को बदल भी सकता है। राजस्थान की शीर्ष कुर्सी पर अब निगाहें इस बात पर टिकी रहेंगी कि वी. श्रीनिवास का अनुभव—केंद्र, राज्य और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राज्य प्रशासन की दिशा और रफ्तार को किस तरह बदलता है। दीपक गोयल जी मीडिया जयपुर।
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ANAnil Nagar1
Nov 14, 2025 18:15:31
Gwalior, Bhopal, Madhya Pradesh:भोपाल सीएम डॉक्टर मोहन यादव से खास बातचीत सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा में मानता हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश के काम को जानता ने पसंद किया हमारी रणनीति अच्छी बनी 202 सीट जितना प्रधानमंत्री मोदी का चमत्कार है हमने प्रॉपर तैयारी की थी होमवर्क किया था उसका रिजल्ट आया चुनाव को कांग्रेस कभी गंभीरता से नहीं लेती कांग्रेस ना तो चुनावआयोग को मानती है ना सुप्रीम कोर्ट को मानती है ना सेना को मानती है जनता के मुद्दे की बाद विपक्ष नहीं करता कांग्रेस ने अपना रोल नकारात्मक कर लिया सवाल तो राहुल गांधी पर है उनके अध्यक्ष बनने के बाद और पहले कांग्रेस का हार का सिलसिला क्यों जारी है।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 14, 2025 18:15:21
Jodhpur, Rajasthan:फलोदी राज्य सरकार एवं पुलिस मुख्यालय राजस्थान जयपुर के निर्देशानुसार 04 से 18 नवंबर 2025 तक चल रहे 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान के तहत जिला फलोदी पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई। पुलिस अधीक्षक कुंदन कंवरिया, आईपीएस ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फलोदी ब्रजराजसिंह चारण एवं वृताधिकारियों के सुपरविजन में जिलेभर में सघन चैकिंग अभियान चलाया गया। 13 नवंबर 2025 को किए गए अभियान में यातायात नियमों की अवहेलना पर 117 वाहन चालकों को तेज गति, 10 को गलत दिशा में वाहन चलाने, 25 को बिना रिफ्लेक्टर तथा 21 को बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाने पर कार्रवाई की गई। वहीं 970 सड़क उपयोगकर्ताओं को यातायात नियमों की जानकारी देकर जागरूक किया गया। अन्य विभाग भी अभियान में सक्रिय रहे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल 06 व्यक्तियों का उपचार किया तथा 64 वाहन चालकों की आंखों की जाँच की। परिवहन विभाग ने 08 वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की, जबकि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 04 सड़कों पर जंगल कटिंग, रेन कट्स भरने व पटरी मरम्मत का कार्य कराया। श्रम विभाग ने 04 मोटर परिवहन उपक्रमों की जाँच कर 15 चालकों को जागरूक किया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा साइन बोर्ड लगाए गए एवं एम्बुलेंस द्वारा मॉक ड्रिल कर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया गया।
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VKVijay1 Kumar
Nov 14, 2025 18:01:24
Noida, Uttar Pradesh:
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SKSATISH KUMAR
Nov 14, 2025 18:01:16
Jaspur, Uttarakhand:स्लग रामनगर में कोसी बैराज के पास युवक पर तमंचे की गोलीयों से हमला, आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस, मौके पर मची भगदड़ रामनगर इसान उर्फ पव्वा पर बाइक सवार युवकों ने तमंचे से फायर कर जानलेवा हमला किया। घायल इसान को रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय लाया गया, अस्पताल में उपचार जारी है। अस्पताल में घायल ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ शाम को कोसी बैराज घूमने निकला था; बालाजी मंदिर से पहले एक बाइक सवार ने उन्हें रोक लिया और पूछताछ शुरू दी। हमलावर ने पूछा इसान कौन है? फिर लगभग चार अन्य बाइकें वहां पहुंच गईं। हमਲावरों ने उसके साथ मारपीट की, गोली चलाई, जिससे छर्रे हाथों में धंस गए और सिर पर बट से वार किया गया। डॉ. तौहीद ने बताया कि हाथों में गोली-छर्रे लगे हैं और सिर पर चोटें हैं; स्थिति स्थिर है। संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे सीओ सुमित पांडे ने घायल से पूछताछ की और बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच चल रही है; आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज खंगालने की तैयारी भी शुरू की गई है ताकि हमलावरों को जल्द पकड़ा जा सके।
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VSVishnu Sharma
Nov 14, 2025 18:00:58
Jaipur, Rajasthan:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत शुक्रवार को धानक्या गांव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक पर पहुंचे। उन्होंने उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और स्मारक पर संस्कार सृष्टि तथा उनके जीवन से जुड़ी अनेक घटनाओं को देखा। इस अवसर पर डॉ. भागवत ने कहा कि पंडित दीनदयाल का जो दर्शन है, उसके पीछे उनकी पूरी जीवन की तपस्या है। वह कोरा चिंतन नहीं है। जीवन के अनुभव की गहराई में जो मनन हुआ है उसका परिणाम है। यह दर्शन नया नहीं है, अपना सनातन दर्शन ही है। दीनदयाल जी ने इस दर्शन को देशकाल और परिस्थिति के अनुसार प्रस्तुत किया है, जो ऋषि मुनियों ने कहा उसे अनुभव किया और उस अनुभव में से उसका एक परिष्कृत रूप उन्होंने समाज के सामने रखा। डॉ. भागवत ने कहा कि दीनदयाल का दर्शन इस राष्ट्रीय स्मारक से देश में सभी जगह जाना चाहिए। इनके आदर्शों का प्रचार सर्वत्र हो, ऐसा प्रयास हमें करना चाहिए और उनके जीवन के अनुसार जीने वाले लोगों को प्रति वर्ष यहां सम्मानित भी करना चाहिए। सत्य, करुणा, शुचिता और तपस्या, ये चारों बातें दीनदयाल जी के जीवन में पूर्णतः उत्कर्षता के साथ दिखती है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल स्वतंत्र भारत में एकमात्र उदाहरण है जिन्होंने राजनीति में जाकर राजनीति की प्रकृति को बदलने का प्रयास किया, लेकिन राजनीति में रहकर भी अपने मूल चरित्र और स्वभाव में बिल्कुल बदलाव नहीं होने दिया। उनके रास्ते पर चलने वाले लोग प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन वह प्रयास किस दिशा में कैसे करें, इसका दीनदयाल ने मूर्तिमान उदाहरण अपने जीवन से दिया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति के अध्यक्ष प्रो. मोहन लाल छीपा ने कहा कि समिति की स्थापना वर्ष 2019 में दीनदयाल उपाध्याय के विचार–दर्शन को देश-विदेश में फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। समिति का लक्ष्य सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं में दीनदयाल भाव जागृत करना है और इस दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। अध्यक्ष ने बताया कि देश में फिलहाल धानक्या, फरह (मथुरा), चित्रकूट और मुगलसराय में प्रमुख स्मारक स्थापित हैं जहां पण्डितजी के विचारों पर अलग अलग कार्य हो रहे हैं। प्रो. छीपा ने बताया कि दीनदयाल के प्रचारक बनने से पूर्व जीवन के 21 वर्ष राजस्थान तथा 5 वर्ष उत्तर प्रदेश में बीते, जिनका उनके व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ा। बचपन में धानक्या स्थित शिव और हनुमान मंदिरों में दीनदयाल जी की दैनिक पूजा-अर्चना करने से उनमें आध्यात्मिक संस्कारों आए जिनका उनके विचार दर्शन पर प्रभाव पड़ा। इससे पूर्व समिति पदाधिकारियों ने मोहन राव भागवत का साफा, शाल, श्रीफल, सांगानेरी दुपट्टा, प्रतीक चिन्ह व पुस्तकों से सम्मान किया। समिति के अन्य सदस्यों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल का भी सम्मान किया। कार्यक्रम में क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, जयपुर प्रांत प्रचारक बाबूलाल, चितौड़ प्रांत प्रचारक मुरलीधर, जोधपुर प्रांत प्रचारक विजयानंद, अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन एवं राजस्थान धरोहर संरक्षण समिति के अध्यक्ष समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस दौरान सरसंघचालक भगवत ने समिति के सदस्यों से अनौपचारिक चर्चा भी की।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 14, 2025 18:00:15
Jodhpur, Rajasthan:फलोदी ज़िले में संपत्ति संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए चल रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस ने मंदिर के दान पात्र से नकदी चोरी मामले में दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक कुंदन कंवरिया के निर्देश पर थाना बाप की टीम ने कार्रवाई की। घटना 03 नवंबर 2025 की मध्य रात्रि की है, जब ग्राम जैमला स्थित हिम्मतसिंह भोमियाजी मंदिर की भारी वजनी तिजोरी का ताला तोड़कर करीब एक लाख रुपये की chढ़ावे की नकदी चोरी कर ली गई थी। प्रार्थी नरपतसिंह की रिपोर्ट पर थाना बाप में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। जांच टीम ने तकनीकी व मानव स्रोतों के सहारे पहले आरोपी जेठाराम को गिरफ्तार कर उससे चोरी की रकम बरामद कर ली थी। घटना में शामिल दूसरे आरोपी करनाराम पुत्र उर्जाराम मेघवाल निवासी मोखेरी को भी दबोच लिया गया है। आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड प्राप्त किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि आरोपी दिन में रेकी कर रात में मंदिरों, दुकानों व सूने मकानों को निशाना बनाते हैं। आमजन से सीसीटीवी कैमरे लगाने, घर सूना न छोड़ने तथा संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 14, 2025 17:57:28
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर-- राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश देते कहा कि केंद्रीय कारागार के अधीक्षक के पास मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए किसी चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का न तो अधिकार है और न ही क्षमता। हाईकोर्ट ने न केवल स्थानांतरण आदेशों को रद्द किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई केवल सक्षम प्राधिकारी यानी मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही की जा सकती है। याचिकाकर्ता कैलाश सांखला ने अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी के जरिए याचिका पेश करते हुए अपने स्थानांतरण आदेशों को चुनौती दी थी। याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता जो मूल रूप से मेडिकल एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग के अंतर्गत एक चिकित्सा अधिकारी थे। उन्हें कैदियों की चिकित्सा देखभाल के लिए प्रतिनियुक्ति पर बीकानेर स्थित केंद्रीय कारागार में तैनात किया गया था। एक कथित शिकायत के आधार पर उप सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने याचिकाकर्ता को केंद्रीय कारागार से स्थानांतरित कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजने का आदेश जारी किया। साथ ही केंद्रीय कारागार के अधीक्षक को याचिकाकर्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक जांच प्रारंभ करने का निर्देश भी दिया गया। याचिका में 31 अगस्त 2018 और 4 सितंबर 2018 के स्थानांतरण आदेशों को चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पाया कि याचिकाकर्ता प्रशासनिक रूप से पूरी तरह मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण में कार्यरत थे। ऐसे में किसी अलग विभाग जैसे कि जेल प्रशासन के अधिकारी द्वारा उनके विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करना नियमों के प्रतिकूल है। हाईकोर्ट ने कहा कि राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के अनुसार आरोप-पत्र जारी करने सहित किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की पहल केवल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी या विभाग के निदेशक जैसे सक्षम प्राधिकारियों द्वारा ही की जा सकती है। हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि स्थानांतरण आदेश के समर्थन में ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे यह सिद्ध हो कि यह निर्णय किसी प्रशासनिक आवश्यकता, कार्य-प्रदर्शन संबंधी पहलू या किसी वैध आधार पर लिया गया था। हाईकोर्ट ने इसे प्रक्रियागत अनुचितता, अधिकार क्षेत्र के अभाव तथा प्रशासनिक विवेकाधिकार के मनमाने उपयोग का उदाहरण बताया। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि जिस प्राधिकारी ने स्थानांतरण आदेश जारी किया और अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया, उसके पास सेवा नियमों के अंतर्गत आवश्यक योग्यता नहीं थी, जिससे पूरा आदेश अधिकार-क्षेत्रहीन हो गया। हाईकोर्ट ने कहा राजस्थान सिविल सेवा नियम तथा सीसीए नियम, 1958 में निहित प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। प्रतिवादी यह सिद्ध करने में असमर्थ रहे कि की गई कार्रवाई किसी विधिक प्रावधान या स्थापित प्रशासनिक मानदंडों के अनुरूप थी। हाईकोर्ट ने 31 अगस्त 2018 और 4 सितंबर 2018 के स्थानांतरण आदेशों को रद्द करने का निर्देश दिया। साथ ही स्पष्ट किया कि यदि आवश्यक हो तो मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग का सक्षम प्राधिकारी नियमों के अनुरूप याचिकाकर्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर सकता है। तब तक याचिकाकर्ता बीकानेर केंद्रीय कारागार में अपने पद पर बने रहने के अधिकारी होंगे।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 14, 2025 17:57:00
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर-- राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस विनीत कुमार माथुर व जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ में जोधपुर शहर की स्वच्छता व्यवस्था और सफाई तंत्र को मजबूत बनाने से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। महेश गहलोत द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर नगर निगम की ओर से पेश अनुपालना रिपोर्ट का अवलोकन किया और आगामी सुनवाई पर नवीनतम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट में नगर निगम की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार तथा उनके सहयोगी आयुष गहलोत उपस्थित रहे, जबकि कोर्ट के निर्देशानुसार निगम आयुक्त सिद्धार्थ पलानीचामी भी स्वयं पेश हुए। हाईकोर्ट द्वारा 7 अक्टूबर 2025 को जारी आदेशों के अनुपालन में निगम की ओर से विस्तृत अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसे रिकॉर्ड पर लिया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि शहर में सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए कई स्तरों पर प्रभावी कदम उठाए गए हैं। शहर को विभिन्न ज़ोनों में बांटकर सफाई टोलियों की पुनर्संरचना की गई है तथा प्रत्येक क्षेत्र की नियमित सफाई सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और मुख्य मार्गों पर कचरा जमा न होने देने के लिए विशेष सतर्कता टीमों को तैनात किया गया है। नगर निगम ने बताया कि निगरानी अधिकारियों के नेतृत्व में एक समर्पित मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि पूरे सफाई तंत्र की वास्तविक समय में निगरानी हो और सभी कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत रहें। इसके साथ ही घर-घर कचरा संग्रहण के लिए अतिरिक्त ऑटो-टिपर और मशीनरी उपलब्ध करवाई गई है, ताकि कचरा संग्रहण से लेकर परिवहन तक की प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो। वार्डों में कचरा संग्रहण केंद्र चिह्नित कर वहां से केरू डंपिंग यार्ड तक कचरे के परिवहन की व्यवस्था सुदृढ़ की गई है। अनुपालना रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि कचरे के वैकल्पिक निपटान के लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान की जा रही है, जिससे पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू की जा सके। नगर निगम ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए सभी आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। शहर के प्रत्येक वार्ड में स्वच्छता कार्य की निगरानी को प्रभावी बनाने के लिए वार्ड समितियों के गठन की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। इन समितियों में एक निर्वाचित प्रतिनिधि, नगरपालिका निरीक्षक और स्थानीय स्तर पर दो से तीन प्रतिष्ठित व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। समिति का दायित्व अपने वार्ड में सफाई व्यवस्था की बारीकी से निगरानी करना और किसी भी कमी की सूचना निगम आयुक्त या नामित अधिकारियों को देना होगा। सुनवाई के दौरान निगम आयुक्त सिद्धार्थ पलानीचामी ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया कि शहर को स्वच्छ, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य जोखिमों से सुरक्षित बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो कर्मचारी या अधिकारी अपने कार्य में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम की ओर से अगली सुनवाई पर नवीनतम अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 11 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 14, 2025 17:56:43
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए सत्र न्यायालय, नोहर हनुमानगढ़ द्वारा वर्ष 2013 में पारित उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें तीनों अभियुक्तों—हनुमान गोसाई, अशोक कंडोई और गौरव उर्फ गोरू को आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) में सात वर्ष की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस संदीप शाह की एकलपीठ ने विस्तृत सुनवाई के बाद अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने पाया कि आत्महत्या की कथित पर्ची (सुसाइड नोट) की बरामदगी, लेखन और हस्तलिपि को लेकर गंभीर संदेह हैं। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि आत्महत्या पर्चा घटनास्थल से पहले दिन बरामद नहीं हुआ, जबकि पुलिस ने उसी दिन स्थल निरीक्षण, फोटो और रस्सी की बरामदगी की थी। अगले दिन दुकान खोलने वाले व्यक्ति को न तो पुलिस ने चिन्हित किया और न उसका बयान लिया। इससे पर्ची लगाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हस्तलिपि परीक्षण (एफएसएल) में सिर्फ तीसरे पन्ने के हस्ताक्षर मृतक के पाए गए, जबकि बाकी लिखावट पर एजेंसी कोई राय नहीं दे पाई। पर्ची के दूसरे पृष्ठ की लिखावट पहले और तीसरे पन्ने से मेल नहींखाती। कोर्ट ने कहा कि आत्महत्या नोट की विश्वसनीयता संदिग्ध है, इसलिए इसे दोष सिद्ध करने का आधार नहीं माना जा सकता। मृतक के परिजनों और कथित मित्रों की गवाही में भी विसंगतियाँ पाई गईं। कोर्ट ने कहा किगवाह यह नहीं बता सके कि मृतक ने किन परिस्थितियों में और कब आरोपियों द्वारा पैसे मांगने की बात बताई थी। कोई स्वतंत्र साक्ष्य या कॉल डिटेल रिकॉर्ड नहीं मिला, जो आरोपियों द्वारा दबाव या धमकी साबित करे। मृतक लंबे समय से क्रिकेट सट्टेबाजी में नुकसान उठा रहा था और लगातार तनाव में था—यह तथ्य स्वयं पत्नी ने स्वीकार किया। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के अनेक निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ पैसे मांगना या सामान्य लेन-देन का विवाद उकसावा नहीं माना जा सकता, जब तक कि स्पष्ट, प्रत्यक्ष और तत्कालिक दबाव का प्रमाण न हो। अभियोजन यह साबित नहीं कर पाया कि आरोपियों ने मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाया, इसलिए दोषसिद्धि कायम नहीं रह सकती。
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