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बलरामपुर में एमडीएम घोटाले में 45 नामजद, 5 गिरफ्तार
PTPawan Tiwari
Dec 02, 2025 03:52:44
Balrampur, Uttar Pradesh
एमडीएम के 11 करोड़ के घोटाले में बड़ा खुलासा: 45 नामजद, 5 गिरफ्तार एक्सेल शीट में कूटरचना कर उड़ाई करोड़ों की सरकारी रकम,मदरसों–विद्यालयों की भूमिका की गहन जांच
बलरामपुर जिले में मध्यान्ह भोजन योजना (एमडीएम) के तहत हुआ 11 करोड़ रुपये से अधिक का गबन प्रशासन और पुलिस की संयुक्त जांच के बाद अब एक बड़े घोटाले का रूप ले चुका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला की तहरीर पर इस मामले में 45 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। बीते गुरुवार और शुक्रवार को पुलिस ने लगातार दबिश देकर 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
जांच में सामने आए तथ्य यह बताते हैं कि जिले में वर्षों से चल रहे इस घोटाले में विद्यालयों और मदरसों के कुछ जिम्मेदार पदाधिकारियों, कर्मचारी वर्ग और मध्यस्थों की मिलीभगत से करोड़ों की सरकारी धनराशि गलत तरीके से निकाल ली गई। खासतौर पर पचपेड़वा क्षेत्र में स्थित कुछ मदरसों और विद्यालयों की गतिविधियों पर जांच एजेंसियों की खास नजर है, क्योंकि अधिकतर कूटरचित एंट्री वहीं से की गई बताई जा रही है।
जलालुद्दीन प्रकरण के बाद दूसरा बड़ा झटका
जिले में अवैध गतिविधियों और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े जलालुद्दीन प्रकरण के बाद, यह एमडीएम घोटाला प्रशासन के लिए दूसरी बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। कार्रवाई के बाद सामने आई कड़ियाँ ने यह साफ संकेत दिया है कि शिक्षा विभाग से जुड़े जमीनी स्तर के कुछ लोग पिछले कई वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से सरकारी धन की बंदरबांट करते रहे।
सूत्रों की मानें तो कुछ मदरसों एवं विद्यालयों की पहले भी पड़ताल हुई थी और अब कार्रवाई के बाद दोबारा जांच शुरू की गई है। कई संस्थानों में छात्रों की संख्या, नामांकन, उपस्थिति और बैंक खाते तक संदिग्ध पाए गए हैं। पूरे इस प्रकरण में 27 मुस्लिम व्यक्तिशामिल है जो किसी मदरसा और विद्यालय से जुड़े हुए है। यह घटना सामने आने के बाद से ही मदरसों की जांच तेज हो गई है。
घोटाला कैसे हुआ: एक्सेल शीट में गेम बदल कर 11 करोड़ की रकम की जा रही थी बंदरबांट
डीसी एमडीएम के पद पर तैनात रहे मुख्य आरोपी फिरोज अहमद ने पूछताछ में जो बातें बताईं, उसने पूरे मामले की तह तक जाने का रास्ता साफ कर दिया।
उनके मुताबिक प्रक्रिया कुछ इस तरह चलती थी
जिसमें 1. आईवीआरएस पोर्टल से विद्यालयों में पंजीकृत छात्रों की संख्या निकाली जाती थी।,2. उसी आधार पर शासन द्वारा तय कन्वर्जन कॉस्ट (प्रति छात्र के भोजन पर सरकारी खर्च) से एक्सेल शीट तैयार होती थी।3. इस शीट को बीएसए से अग्रसारित कराकर वित्त एवं लेखाधिकारी के परीक्षण के बाद जिलाधिकारी की स्वीकृति ली जाती थी। और 4. यही वह बिंदु था जहां कूटरचना (Forgery) की जा रही थी। इसके साथ ही
जिलाधिकारी द्वारा अनुमोदित रकम को बदले बिना, एक्सेल शीट को पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड करते समय कुछ विद्यालयों/मदरसों की राशि जानबूझकर बढ़ा दी जाती,और उतनी ही राशि अन्य विद्यालयों से घटा दी जाती,ताकि कुल धनराशि में कोई अंतर न दिखे और संदेह न हो।
बढ़ी हुई रकम जिन स्कूलों के खातों में भेजी जाती थी, वहां प्रधानाध्यापक,ग्राम प्रधान,अभिभावक समिति अध्यक्ष,आपस में मिलकर राशि निकालते और बांट लेते थे। सूत्रों की माने तो यही रकम आगे नेटवर्क में जुड़े लोगों तक पहुंच जाती थी।यह पूरा खेल कई वर्षों से चल रहा था, जिसका खुलासा अब जाकर हुआ है।
बीएसए की जांच के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
26 नवंबर 2025 को बीएसए शुभम शुक्ला ने विस्तृत जांच के बाद थाना कोतवाली नगर में तहरीर दी।
उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि मध्यान्ह भोजन योजना से जुड़े कार्मिक,कई विद्यालयों के जिम्मेदार लोग,
और मदरसों से जुड़े कुछ पदाधिकारी
मिलकर इस गबन में शामिल पाए गए हैं।
मुकदमा धारा 409, 467, 468, 471, 120B और 201 IPC में पंजीकृत किया गया है, जो गंभीर वित्तीय अपराधों की श्रेणी में आते हैं。
पुलिस की बड़ी कार्रवाई: पांच आरोपी गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी
27 नवंबर को कोतवाली नगर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, वे 1. फिरोज अहमद निवासी बरगदवा सैफ, थाना पचपेड़वा — जिला समन्वयक (डीसी एमडीएम) मुख्य भूमिका, एक्सेल शीट में कूटरचना का आरोप। 2. अशोक कुमार गुप्ता निवासी बलुआ बलुई, कोतवाली देहात — प्रधानाध्यापक जिनके विद्यालय के खातों में बढ़ी हुई रकम पहुंची। 3. नसीम अहमद निवासी चयपुरवा, थाना गैसड़ी — ग्राम प्रधान अतिरिक्त राशि निकालने में भूमिका।4. मो. अहमदुल कादरी निवासी मध्यनगर, थाना पचपेड़वा — अभिभावक समिति अध्यक्ष खातों में आई धनराशि निकालने में प्रमुख भूमिका। और 5. मलिक मुन्नवर निवासी धुसवा, गैंड़ास बुजुर्ग — सहायक अध्यापक कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने व राशि निकासी में सहयोग。
जांच का दायरा बढ़ा: कई मदरसों और विद्यालयों के दस्तावेज खंगाले जा रहे
सूत्रों के अनुसार, पचपेड़वा क्षेत्र के कुछ मदरसों में—
फर्जी नामांकन,वास्तविक उपस्थिति से अधिक छात्र संख्या,बैंक खातों की संदिग्ध गतिविधि और रिकॉर्ड में कई विसंगतियाँ जांच में सामने आई हैं।
कई संस्थानों पर पिछले महीनों में भी जांच चल रही थी, और अब यह मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने दोबारा विस्तृत जांच का आदेश दिया है。
एसपी कार्यालय के सूत्र बताते हैं कि इस नेटवर्क में और भी कई नाम शामिल हो सकते हैं。
कई के मोबाइल Data, लेन-देन, और बैंक स्टेटमेंट की जांच की जा रही है。
एमडीएम घोटाला पर बयान पुलिस अधीक्षक बलरामपुर विकास कुमार
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