Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
Chatra825401

चतरा में प्रज्ञा केंद्र संचालक की आत्महत्या: 'दबाव' और 'आर्थिक भुखमरी' का खुलासा

DPDharmendra Pathak
Jul 19, 2025 04:01:26
Chatra, Jharkhand
चतरा: प्रज्ञा केंद्र संचालक ने पंचायत सचिवालय में की आत्महत्या, सुसाइड नोट में 'दबाव' और 'आर्थिक भुखमरी' का आरोप Anchor: चतरा जिले के इटखोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत मलकपुर पंचायत सचिवालय में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक प्रज्ञा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर - CSC) संचालक ने काम के दौरान फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। इस चौंकाने वाली घटना के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल चतरा भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक संचालक की पहचान इटखोरी थाना क्षेत्र के मलूकपुर पंचायत के पकरिया गांव निवासी 32 वर्षीय शैलेंद्र कुमार सिंह, पिता कपिलदेव सिंह के रूप में हुई है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। शैलेंद्र कुमार ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का सीधा जिम्मेदार CSC विभाग के आला अधिकारियों को ठहराया है। नोट में उसने साफ लिखा है कि CSC विभाग के अधिकारी उससे लगातार बिना पैसे दिए काम करवाते थे, जिससे वह बेहद परेशान था। इस दुखद घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला परिषद prtinidhi भरत साव ने गहरा दुख और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि शैलेंद्र कुमार ने अपने सुसाइड नोट में प्रशासनिक दबाव और आर्थिक भुखमरी जैसी गंभीर समस्याओं का जिक्र किया है, जिसके कारण उसे यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ा। भरत साव ने आरोप लगाया कि यह घटना सरकारी विभागों, विशेषकर CSC जैसी योजनाओं में निचले स्तर पर काम करने वाले लोगों के आर्थिक शोषण और उत्पीड़न की भयावह तस्वीर पेश करती है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि कैसे अधिकारियों के दबाव और समय पर भुगतान न होने से छोटे संचालक आर्थिक संकट में फंस जाते हैं, और अंततः ऐसे दर्दनाक कदम उठाने को मजबूर होते हैं। यह मामला अब पुलिस जांच का विषय बन गया है। पुलिस सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की गहनता से जांच करेगी और CSC विभाग के संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है ताकि आत्महत्या के पीछे के वास्तविक कारणों और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न की सच्चाई सामने आ सके। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं से जुड़े छोटे उद्यमियों की चुनौतियों और उनके सामने आने वाली प्रशासनिक अड़चनों को भी उजागर करती है।. बाइट 1: भरत साव, जिला परिषद प्रतिनिधि इटखोरी। बाइट 2 : स्थानीय ग्रामीण।
2
Report

हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|

Advertisement
Advertisement
Back to top