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अजमेर में बारिश के बाद राहत कार्यों में तेजी, क्या है प्रशासन की योजना?
ADAbhijeet Dave
FollowJul 20, 2025 09:32:47
Ajmer, Rajasthan
अजमेर
विधानसभा अजमेर सिटी
अभिजीत दवे 9829102621
एंकर - अजमेर में 3 दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश से बिगड़े हालात अब प्रकृति की मेहरबानी के चलते बहुत हद तक नियंत्रण में आ चुके हैं.. पिछले 32 घंटे से थमी बारिश में प्रशासनिक इंतजामों और कामों की रफ्तार को गति प्रदान की है जिससे राहत और बचाव कार्य का असर अब नजर आने लगा है.. देखिये यह रिपोर्ट
vo - अजमेर में 17 जुलाई की देर रात से लेकर 18 जुलाई की देर रात तक 24 घंटे में करीब 200 म से ज्यादा बरसी बारिश ने शहर में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए थे... वरुण सागर झील के ओवरफ्लो होने के चलते आनासागर झील भी अपनी भराव क्षमता से ऊपर बहने लगी जिसके चलते प्रशासन ने एस्केप चैनल के गेट खुले और वहीं से शहर में जल प्रलय के हालात बन गए.. एक दर्जन के करीब कालोनियां पानी में डूब गई.. शहर में हाहाकार मच गया बचाव और राहत कार्य में जुटे प्रशासनिक टीम को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.. कलेक्टर लोग बंधु अपनी पूरी टीम के साथ 24 घंटे फील्ड में तैनात रहे और हालातो पर नजर बनाए रखने के साथ ही लोगों को राहत पहुंचाने के प्रयास में लग रहे... पानी में डूबी कॉलोनी के लोगों को सुरक्षित वहां से निकलने के साथ ही विद्युत आपूर्ति काटने से लोगों को जान की सुरक्षा मिली.. अब पिछले 24 घंटे में बरसात बिल्कुल थमी हुई है जिसके चलते आनासागर झील में भी पानी की आवक काम हो रही है जिससे कई इलाकों में अब हालात काबू में नजर आने लगे हैं.. आज एक बार फिर कलेक्टर लोक बंधु अपनी पूरी प्रशासनिक टीम के साथ शहर के जल प्रभावित इलाकों में दौरा करने पहुंचे और हालातो की समीक्षा की
बाइट - लोक बंधु, कलेक्टर
vo - आनासागर झील की भराव क्षमता 13 फिट है और फिलहाल उसमें 16 फीट तक पानी है जिसके चलते एस्केप चैनल से पानी की तेज निकासी ही सबसे बड़ा कारण जल प्रलय का बन रही थी लेकिन अब आगे से आने की आवक कमजोर पड़ी है धीमी हुई है.. वही बारिश भी पिछले 24 घंटे से नहीं हो रही जिससे हालातो को काबू पाने में प्रशासन को भी काफी मदद मिल रही है.. पिछले 24 घंटे के दौरान अजमेर में महेश 5 एमएम बरसात रिकार्ड की गई है जो की प्रशासनिक कार्यों में सबसे ज्यादा मददगार साबित हुआ है..
बाइट - लोक बंधु, कलेक्टर
vo - बेशक भीषण बारिश से उपजे हालातो को काबू में करने के लिए प्रशासनिक इंतजामों को प्रकृति भी अपनी सहायता दे रही है लेकिन अब बड़ी चुनौती जल प्रभावित वाले इलाकों में सबसे बड़ा खतरा मौसमी बीमारियां रहेगी.. 48 घंटे से ऊपर का वक्त बीत चुका है जब कई कालोनियां पानी में जलमग्न है और वहां जलीय जीवों के साथ-साथ कई और बीमारियों का भी खतरा पैदा हो रहा है इसके चलते प्रशासन की ओर से सभी इलाकों में मुनादी करने के साथ ही मेडिकल किट और फागिंग की व्यवस्था भी की जा रही है... अजमेर वासी अब प्रकृति से ही राहत की उम्मीद कर रहे हैं तो प्रशासन भी सबक लेते हुए आने वाले दिनों में इन जल भराव वाले इलाकों में स्थाई समाधान की दिशा में तेजी से कम बढ़ाएं
अभिजीत दवे, zee मीडिया, अजमेर
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