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बांकलसर बस्ती में बारिश ने खोली प्रशासन की पोल, हालात नारकीय!

DSDurag singh Rajpurohit
Jul 19, 2025 09:38:22
Barmer, Rajasthan
बांकलसर बस्ती के हालात नारकीय, बरसात ने खोली प्रशासन की पोल एंकर नारकीय जीवन जीने को मजबूर वांकलसरा बस्ती चौहटन की वांकलसरा बस्ती वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय हालात में जी रही है। यहां की टूटी-फूटी गलियों, गंदगी और कचरे के ढेरों ने लोगों का जीवन मुश्किल कर दिया है। संस्कृत विद्यालय, गंगा मैया मंदिर के पास कीचड़ और बदबू के बीच बच्चों को स्कूल जाना पड़ता है। साफ-सफाई और विकास कार्यों के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति होती रही है, जिससे आमजन का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्थानीय समाजसेवियों ने बताया कि यह बस्ती शासन की प्राथमिकता में कभी नहीं रही, परिणामस्वरूप रहवासी बदहाली में जीने को विवश हैं। शनिवार तड़के हुई मूसलाधार बारिश ने लोगों की परेशानियों में इज़ाफा कर दिया। पहले से टूटी सड़कों और गंदगी के बीच अब जलभराव ने राह चलना दूभर कर दिया है। पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण मुख्य मार्गों और गलियों में गंदा पानी जमा हो गया, जिससे कीचड़ के तालाब बन गए हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को घुटनों भर पानी से गुजरना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने बांकलसर बस्ती के जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। वर्षों से हो रही परेशानी के बावजूद न तो सड़कों का निर्माण हुआ और न ही जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था की गई। यह सीधा संकेत है कि प्रशासनिक मशीनरी और जनप्रतिनिधि बस्ती की समस्याओं के प्रति कितने संवेदनहीन हैं। यह बस्ती सिर्फ चुनावी घोषणाओं में याद की जाती है, और बाकी वक्त उपेक्षा की शिकार बनी रहती है। समाजसेवी भीमाराम जोगेश बताते हैं कि विपरजॉय तूफान के समय आला अधिकारियों और नेताओं ने दौरे कर आश्वासन दिए थे, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। यह जनहित से अधिक राजनीतिक उपेक्षा का उदाहरण है। स्थानीय रहवासियों का कहना है? कि हर साल बरसात में ऐसे ही हालात बनते हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। नगरपालिका प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की अकर्मण्यता और अनदेखी से आज हालात बद से बदतर हो गए हैं। जनता अब सवाल पूछ रही है? – क्या उनका जीवन सस्ती राजनीति का शिकार है? क्या उन्हें सिर्फ बाढ़ और गंदगी में जीने के लिए छोड़ा गया है? समय आ गया है? कि स्थानीय निकाय और नेताओं को जवाबदेह बनाया जाए और इस बस्ती को भी गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिले। बाइट : स्थानीय निवासी , चौहटन
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